बीजिंग ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता और स्टार पहलवान सुशील कुमार का कहना है कि अब उनका ध्यान पूरी तरह से भारतीय सरजमीं पर पहली बार हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों पर है और वह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में बिना किसी दबाव के खेलना चाहते हैं.
बीजिंग में 66 किग्रा स्पर्धा में कजाखस्तान के लियोनिड स्पिरिदोनोव को रेपेचेज में हराकर कांसे का तमगा जीतने वाले सुशील ने कहा कि दिल्ली में तीन से 14 अक्तूबर तक होने वाले इन खेलों में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे.
भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पाने वाले इस पहलवान ने कहा कि कोचों और हमारा ध्यान अब पूरी तरह से राष्ट्रमंडल खेलों पर है. हमारी कड़ी ट्रेनिंग चल रही है और हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह प्रतियोगिता काफी अहम है और मैं इसमें बिना किसी दबाव के खेलना चाहता हूं क्योंकि अगर आप दबाव में खेलते हैं तो निश्चित तौर पर इससे आपके प्रदर्शन पर असर पड़ता है.
भारत के इस चोटी के पहलवान ने राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे प्रदर्शन का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि हाल में एशियाई चैम्पियनशिप में हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था और मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रमंडल खेलों में हम इस प्रदर्शन को दोहराने में सफल रहेंगे. एशियाई चैम्पियनशिप का आयोजन इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में किया गया था जिसे राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती स्पर्धा की भी मेजबानी करनी है.