1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में भूमिका होने के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का कहना है कि यदि उनके खिलाफ खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे. टाइटलर इस मामले के गवाहों को भी झूठा बताते हैं.
गुरुवार को जगदीश टाइटलर ने कहा, ‘अगर मेरे खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरोप तय होने पर वह अपना चेहरा भी पार्टी को नहीं दिखाएंगे.
टाइटलर ने कहा, ‘यदि अदालत मेरे खिलाफ आरोप तय करती है तो मैं पद छोड़ने में एक पल भी नहीं लगाउंगा, क्योंकि इससे पार्टी को परेशानी होगी और मेरे लिए पार्टी सबसे उपर है.’ टाइटलर ने यह कहते हुए गवाहों पर हमला बोला कि वे भरोसेमंद नहीं हैं और झूठ बोल रहे हैं.
सुरिंदर सिंह नाम के एक गवाह पर 5 दफा अपना बयान बदलने का आरोप लगाते हुए टाइटलर ने सवाल किया कि वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने बयान लिखने के लिए उस पर दबाव क्यों बनाया.
टाइटलर ने कहा, ‘सुरिंदर सिंह और जसबीर सिंह के बयान के आधार पर मेरा नाम फिर आया है. सुरिंदर सिंह ने पहले अंग्रेजी में बयान दिया और फिर गुरुमुखी में एक लिखित बयान दिया. मैं जानना चाहता हूं कि आखिर फुल्का ने बयान लिखने के लिए सुरिंदर सिंह पर दबाव क्यों बनाया?’ उन्होंने दावा किया कि वह अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे और इस मामले की जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हैं.
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जगदीश टाइटलर ने अपने बात पर जोर दिया और कहा कि मैंने नेशनल चैनल एक फुटेज पेश किया है, जिसमें दिखाया गया है कि मैं सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक दिवंगत इंदिरा गांधी के शव के पास मौजूद था. आखिर मैं एक ही समय में दो जगहों पर कैसे मौजूद हो सकता हूं?’
टाइटलर ने कहा कि मामले के दूसरे गवाह जसबीर सिंह को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों ने पाया कि जसबीर सिंह घटना के समय जोधपुर में थे.
कोई भी गवाह भरोसेमंद नहीं
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये सभी गवाह भरोसेमंद नहीं हैं और झूठ भी बोल रहे हैं.’ टाइटलर ने सवाल उठाया कि भाजपा जब सत्ता में आई थी तो उसने इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा दो दफा सत्ता में आई. वह भी तो मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सकती थी. मैं 1984 के सिख दंगों के मामले में किसी भी जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हूं.’ टाइटलर ने कहा कि उन्हें उस वक्त ‘क्लीन चिट’ दी गई थी, जब एनडीए के शासनकाल में लालकृष्ण आडवाणी केंद्रीय गृह मंत्री थे.