चीन के एक राजनयिक ने कहा है कि वो न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता की 'संभावनाओं' पर बातचीत के लिए तैयार है. गोवा में 15-16 अक्टूबर को होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले चीन की तरफ से ये घोषणा की गई है. बताया जा रहा है कि शि जिनपिंग ब्रिक्स में हिस्सा लेने भारत आएंगे.
अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के अनुसार नागरिक परमाणु तकनीक का व्यापार करने वाले 48 देशों के समूह (एनएसजी) में शामिल होने की अपनी कोशिशों को लेकर पिछले महीने भारत ने कहा था कि उसकी चीन के साथ बातचीत हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनएसजी में शामिल होने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. ताकि अमेरिका, रूस और फ्रांस की के साथ मिलकर कई अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाएं जा सके, जिनकी मदद से प्रदूषण फैलाने वाले फॉसिल फ्यूल पर देश की निर्भरता कम होगी.
1974 से अब तक एनएसजी में शामिल होने की भारत की कोशिशें चीन की वजह से ही नाकाम रही हैं, क्योंकि एनएसजी में चीन 'वीटो' जैसा अधिकार पाकर भारत को रोके हुए है.