भारतीय रेलवे की तेजस ट्रेन अभी अपने पहले सफर पर रवाना भी नहीं हुई और उपद्रवियों ने पत्थर मार के उसके शीशे तोड़ दिए. तेजस को मुबंई से गोवा की पहली यात्रा पर 22 मई को निकलना है, लेकिन उससे पहले तेजस ट्रेन की खिड़कियां टूटी पाई गई हैं.
शुक्रवार को जब तेजस ट्रेन दिल्ली पहुंची तो उसकी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे. तेजस ट्रेन गुरुवार को कपूरथला से दिल्ली के लिए चली थी.
सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर डीके शर्मा ने इंडिया टाइम्स को बताया कि तेजस ट्रेन की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए पाए गए हैं, लेकिन यह कोई गंभीर मसला नहीं है. इसे ठीक कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'तेजस ट्रेन के शनिवार को मुंबई पहुंचने की उम्मीद है. एक बार इसके मुंबई पहुंचने पर जांच की जाएगी और मरम्मत का जरूरी काम पूरा किया जाएगा.'
तेजस एक्सप्रेस
इस ट्रेन का निर्माण रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में हुआ है. इसे मुंबई और करमाली के बीच चलाया जाएगा. इस दूरी को तेजस ट्रेन सात घंटे 30 मिनट में पूरा करेगी.
यह ट्रेन पूरी तरह से एसी सुविधा से लैस है और इसे 22 मई को पहली यात्रा के लिए हरी झंडी दिखाई जाएगी.
सूचना और मनोरंजन के लिए इस ट्रेन में सीट के साथ स्क्रीन लगी हुई है. साथ ही इसमें ऑटोमैटिक दरवाजे लगे हुए हैं.
रेलमंत्री सुरेश प्रभु के मुताबिक तेजस ट्रेन भारत में रेल के अनुभव को हमेशा के लिए बदल देगी. नई तेजस ट्रेन में लाइटिंग के लिए एलईडी लगी हुई है. इससे ऊर्जा की बचत होगी.
तेजस ट्रेन में एक्जीक्यूटिव क्लास का टिकट बिना भोजन 2,540 रुपये का है और भोजन के साथ 2940 रुपये का. वहीं चेयरकार का किराया 1,850 रुपये (भोजन के साथ) और 1,220 रुपये (बिना भोजन के) है.