पाकिस्तान से भारत वापसी के बाद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान सबसे सबसे पहले पालम एयरपोर्ट पर अपने परिवार से मिले. अब अभिनंदन की शारीरिक जांच के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का निर्धारण करने के लिए एक मनोवैज्ञानिक द्वारा जांच की जाएगी. साथ ही ये तय किया जाएगा कि पाकिस्तान में उनके शरीर में कोई चिप या कोई दूसरी चीज तो नहीं लगा दी गई है.
वहीं, आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक दो दिन तक पाकिस्तान की कैद में रहने के दौरान पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने कई मौकों पर उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की.
पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अधिकारी लगातार कोशिश कर रहे थे कि अगर किसी भी मौके पर विंग कमांडर अभिनंदन कमजोर पड़ते हैं या अपनी रिहाई के लिए गिड़गिड़ाते हैं तो उनका सबसे पहले ऐसा एक वीडियो तैयार किया जाए. इसीलिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने दो से तीन मौकों पर उनका अलग-अलग तरीके से वीडियो बनाए, लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए.
अपनी मजबूत इरादों और जीवटता के दम पर अभिनंदन ने वायुसेना या देश से जुड़ा कोई भी राज पाकिस्तान को नहीं बताया. पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने उन्हें उनके परिवार से लेकर हर तरह का दबाव डाला लेकिन अभिनंदन किसी भी मौके पर नहीं झुके.
विंग कमांडर अभिनंदन के भारत लौटते ही सबसे पहले परिवार से मिलने का समय दिया गया. उन्होंने अपनी मां, पिताजी, पत्नी और बेटे को गले लगाया. बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन के परिवार में पिता एअर मार्श एस. वर्तमान, मां शोभा, पत्नी तन्वी और बेटा ताबिश हैं. इस मुलाकात के बाद वायुसेना उन्हें परिवार से दूरकर सेना के आरआर अस्पताल लेकर गई. जहां पर उनकी शारीरिक और मानसिक जांच चल रही है.
शनिवार सुबह अभिनंदन ने इडली के साथ हल्का नाश्ता किया. उसके बाद अस्पताल में उनकी शारीरिक और मानसिक जांच की जा रही है. मिग-21 विमान हादसे का शिकार होने के बाद वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पैराशूट के जरिए गिरे और वहां उनके साथ मारपीट की गई. इससे आशंका है कि उन्हें कई तरह की अंदरूनी चोट हो सकती हैं. ऐसे में सेनाओं के वरिष्ठ डॉक्टर उनकी पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक जांच कर रहे हैं.
वायुसेना सूत्रों के मुताबिक विंग कमांडर अभिनंदन से डिब्रीफिंग यानी पूछताछ की प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है. अभिनंदन के पूरी तरह से मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट होने और सामान्य स्थिति में लौटने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू हो पाएगी. बात करने के लिए तैयार होने पर उनसे पाकिस्तानी आर्मी की कैद में रहने के दौरान के बारे में जानकारी ली जाएगी.
डिब्रीफिंग के दौरान सबसे पहले सबसे पहले इस बात की जांच की जाएगी कि कहीं उनके शरीर में पाकिस्तानी एजेंसियों ने कोई बग या चिप तो नहीं लगाई है.
इस डिब्रीफिंग की प्रक्रिया में अभिनंदन भारत की सभी खुफिया एजेंसियां रॉ, आईबी, मिलट्री इंटेलिजेंस, वायुसेना और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के सामने पाकिस्तान की कैद में रहने के अनुभव को भी साझा करेंगे.