राज्यसभा में देश में, विशेषकर दिल्ली में, वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तरों के कारण होने वाली स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कुछ बातें कहीं. जिस पर आप सांसद संजय सिंह ने उन्हें घेरने की कोशिश की. आपको बता दें कि वायु प्रदूषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी तीखी बहस भी हुई.
हरियाणा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने दिल्ली के वायु प्रदूषण का मुद्दा सदन के समक्ष रखा. जिसके बाद पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए एक हाई-लेवल कमेटी बनाई गई है जो लगातार स्थित पर नजर बनाए हुए है. एक कंप्रिहेंसिव एक्शन प्लान भी बनाया गया है. सर्दी के मौसम में यह दिक्कत आती है जिसकी वजह इंडस्ट्री, वाहन, पराली जैसी चीजें हैं. अच्छी बात यह है कि सालाना आंकड़े देखें तो हवा की गुणवत्ता अधिकतर दिनों में बेहतर रही.
उन्होंने आगे कहा कि पेरिफल एक्सप्रेस वे की वजह से पॉल्यूशन का स्तर कम हुआ है. बीएस-6 ईंधन का इस्तेमाल हो रहा है. सीएनजी स्टेशन बढ़ाए गए हैं. पराली काटने के लिए राज्यों को 56 हजार मशीनें दी गईं. 5 मिलियन पैसेंजर्स हर दिन सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इंडस्ट्रियल इमीशन बड़ी वजह है. कई यूनिट ने सीएजी पर शिफ्ट किया है और कई पीएनजी पर शिफ्ट हो रही हैं. ईंट के भट्टे जिकजैक टेक्नॉलजी पर गए हैं.
कुमारी शैलजा बोलीं- मनरेगा के तहत पराली कटवाई जाए
इसके बाद प्रस्ताव रखने वाली कुमारी शैलजा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि इस वजह से बहुत सारे बच्चे 15 साल की उम्र से पहले ही जान गंवा देते हैं. इसके साथ ही यह हमारी लाइफ साइकल भी कम कर रहा है. खबरों में लगातार प्रदूषण की खबर आ रही है. उत्तर भारत में लगातार यह फैल रहा है. हर साल यह अधिक खतरनाक होता जा रहा है. हरियाणा में अगर हवा का स्तर इतना खराब है तो वहां कोई मॉनिटरिंग स्टेशन क्यों नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण के अनेकों कारण बताए जाते हैं. जिनमें से चौथे नंबर पर आता है पराली जाना, मैं हरियाणा से आती हूं इसलिए कहना चाहूंगी कि आज सबसे ज्यादा पंजाब-हरियाणा के किसानों को दोषी ठहरा देते हैं. उनको अपराधी तक बना दिया गया है जो पराली जलाते हैं. किसान अगर धान उगा रहा है, उसके बाद उसे गेहूं कि बिजाई करनी है. उसे यह जलाना पड़ता है क्योंकि उसके पास टेक्नॉलजी उपलब्ध नहीं है. किसान ज्यादातर कर्जवान है. वो कहां जाएगा. किसान को आप दोषी मत ठहराइए, उसे सक्षम कीजिए, टेक्नॉलजी दीजिए, इंसेंटिव दीजिए, इसे मनरेगा से जोड़िए ताकि मनरेगा के तहत पराली कटवाई जाए.
संजय सिंह ने पूछा- 36 हजार मशीनें कहां गईं
चर्चा के दौरान दिल्ली से आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से दिल्ली के अंदर 25 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ . दिल्ली के अंदर ग्रीन कवर 12 प्रतिशत बढ़ाया गया. ऑड-ईवन बेहतर ढ़ंग से चला. दो थर्मल पॉवर प्लांट बंद कराए गए. कंस्ट्रक्शन साइट बंद कराई गईं. 56 हजार मशीनें अलग-अलग राज्यों को दी गईं ऐसा मंत्री जी ने कहा लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट गई वह कहती है कि केवल 20 हजार मशीनें दी गईं तो यह 36 हजार मशीनें कहां गईं. 10 शहरों की सूची में दिल्ली का नाम नहीं फिर भी दिल्ली को बदनाम किया जा रहा है.