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राम मंदिर पर शिवसेना का संसद में प्रदर्शन, कहा- पहले मंदिर फिर सरकार

शिवसेना सांसदों की मांग है कि सरकार को राम मंदिर पर विधेयक लाकर कदम उठाना चाहिए. संजय राउत ने कहा कि अगर इस पर कानून नहीं लाया जाएगा, तो राम भगवार को टेंट में रहना पड़ेगा.भगवान कब तक टेंट में रहेंगे.

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प्रदर्शन करते सांसद (तस्वीर: जितेंद्र बहादुर सिंह)
प्रदर्शन करते सांसद (तस्वीर: जितेंद्र बहादुर सिंह)

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संसद के शीतकालीन सत्र की 11 दिसंबर को शुरुआत हो चुकी है. सत्र के दूसरे दिन शिवसेना सांसदों ने संसद परिसर में राम मंदिर की मांग को लेकर के धरना प्रदर्शन किया. शिवसेना के सांसद लगातार धरने के दौरान यह मांग करते रहे कि पहले मंदिर फिर सरकार होनी चाहिए.

शिवसेना सांसदों का कहना है कि मंदिर की मांग को लेकर शिवसेना पिछले लंबे समय से आवाज उठा रही है ऐसे में सरकार को अब इस पर विधेयक लाकर ठोस कदम उठाना चाहिए. शिवसेना सांसद संजय राउत ने आजतक से बातचीत में कहा कि सरकार को इसके लिए कानून लेकर आना चाहिए, भगवान राम कब तक टेंट में रहेंगे.

'हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार' के बैनरों के साथ प्रदर्शन

शिवसेना के राज्यसभा और लोकसभा के 21 सांसदों ने बैनर और पोस्टर लेकर आज धरना प्रदर्शन किया. इन पोस्टरों में लिखा है कि 'हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार.'

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उधर राम मंदिर को लेकर राज्यसभा से बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि मंदिर को लेकर देश में एक बड़ा जनमत तैयार हो गया है वह जनमत धार्मिक हितों से अलग है.

उन्होंने कहा सबकी इच्छा है कि सभी पार्टियों के सांसद अपने दल के स्वार्थ से उठकर मिल जुलकर राम मंदिर बनाएं, जैसा कि मोहन भागवत ने कहा है कि जैसे सोमनाथ मंदिर का निर्माण हुआ है उसी तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए. राम मंदिर की लड़ाई एकता की लड़ाई है. भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में यह है और देश में इसके लिए जनमत भी तैयार हो रहा है.

'राम के नाम पर नहीं, काम पर मिलेगा वोट'

शिवसेना के सांसदों के राम मंदिर पर प्रदर्शन को लेकर के आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा कि राम के नाम पर वोट नहीं मिलेगा काम के नाम पर वोट मिलेगा. चुनाव में जवाब चाहिए तो आप यह बताइए कि आपने लोगों को जो वादा किया था वो 15 लाख रुपये नहीं दिए, आपने नौकरियां कितनी दीं, आपने व्यापारियों को राहत दी या नहीं, आपने महिलाओं को सुरक्षा दी या नहीं? इन मुद्दों पर सरकार और उनके सहयोगी दलों को बात करनी चाहिए.

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संजय सिंह ने कहा कि जैसे ही चुनाव आते हैं यह लोग राम मंदिर की बात करने लगते हैं. हमने पहले ही कहा था कि भाजपा मुक्त भारत बनने जा रहा है. भाजपा के लोग जब अयोध्या में जाते हैं तो कहते हैं कि राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे. काशी में जाते हैं तो कहते हैं कि काशी में जाकर कुछ और बोलते हैं.

उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल भी लेकर आ रहे हैं जिसमें काशी में जिस तरीके से गणेश मंदिर और दूसरे मंदिर तोड़े गए हैं. संजय सिंह ने कहा कि विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर गणेश मंदिर तोड़ा गया, शंकर मंदिर तोड़ा गया इसे लेकर हम प्राइवेट मेंबर बिल ला रहे हैं जिसपर हम राज्यसभा में चर्चा करेंगे.

बता दें कि पहले से ही यह माना जा रहा था कि इस सत्र में विपक्षी दल मोदी सरकार को राम मंदिर के मुद्दे पर घेरेंगे. 10 दिसंबर को विपक्षी पार्टियों ने एक बैठक बुलाई थी. माना जा रहा था कि इस बैठक में शीतकालीन सत्र की रणनीति पर मंथन किया गया और विपक्ष ने इस पर विचार किया कि अगर इस मुद्दे पर अध्यादेश लाया जाता है तो उनका क्या रुख होगा.

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