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जानिए, चुनाव के बाद राज्यसभा में कैसे पलट गया सीटों का गणित?

कांग्रेस पहली बार 60 के अंदर सिमट गई है. खाली हुई 14 सीटें उसके पास थीं, लेकिन चुनाव के बाद उसे सिर्फ 9 सीटें ही मिलीं. यानी पांच सीटों का बड़ा नुकसान.

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राज्य सभा की 7 राज्यों की 57 सीटों के चुनावी नतीजे आने के बाद ऊपरी सदन में बीजेपी और कांग्रेस का गणित बदल गया है. बीजेपी इस चुनाव में सबसे ज्यादा फायदे में रही तो कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा. 57 में से 30 सीटों पर तो उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे. सिर्फ 27 पर ही वोटिंग हुई.

जानें 57 सीटों के नतीजों से कैसे बदला राज्यसभा का गणित...

1. पहली बार बीजेपी 50 के पार
खाली हुई 57 में से 14 सीटें बीजेपी के पास थीं. लेकिन चुनाव के बाद 17 सीटों पर कमल खिल गया. हरियाणा से सुभाष चंद्रा भी बीजेपी के समर्थन से जीते. अगर उन्हें भी शामिल कर लिया जाए तो बीजेपी को इस बार 4 सीटों का फायदा हुआ. अब राज्यसभा में बीजेपी की कुल सीटें 54 हो गई और उसने पहली बार ऊपरी सदन में 50 का आंकड़ा पार किया.

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2. कांग्रेस को नुकसान
कांग्रेस पहली बार 60 के अंदर सिमट गई है. खाली हुई 14 सीटें उसके पास थीं, लेकिन चुनाव के बाद उसे सिर्फ 9 सीटें ही मिलीं. यानी पांच सीटों का बड़ा नुकसान. 60 सीटों के साथ कांग्रेस अब भी राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन ऊपरी सदन में बीजेपी की बढ़ती ताकत से पार्टी के अंदर खलबली मचना स्वाभाविक है.

3. यूपीए से आगे एनडीए
बीजेपी, टीडीपी, अकाली दल, शिवसेना, पीडीपी, आरपीआई, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, नागालैंड पीपल्स फ्रंट, और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को मिलाकरएनडीए राज्यसभा में 72 के आंकड़े पर है, लेकिन यूपीए के पास इस सदन में डीएमके, केरल कांग्रेस और मुस्लिम लीग की सीटें जोड़कर कुल 66 सीटें ही बनती हैं. एनडीए की ताकत लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी बढ़ रही है. जबकि यूपीए दोनों सदनों में कमजोर होती जा रही है.

4. सपा और दूसरी पार्टियां हुईं मजबूत
बीजेपी के बाद इस चुनाव में सबसे ज्यादा फायदे में मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी रही. 4 सीटों के फायदे के साथ सपा का राज्यसभा में आंकड़ा 19 तक पहुंच चुका है और वह सदन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. मायावती की बसपा ने इन चुनाव में 4 सीटें गंवा दी. बीजेपी और कांग्रस के लिए 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में अपने दम पर कोई भी बिल पास कराना संभव नहीं है. सपा, एआईएडीएमके (13), जेडीयू (10) और तृणमूल कांग्रेस (12) फिलहाल राज्यसभा में किंगमेकर की स्थ‍िति में हैं.

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5. छत्रपति शिवाजी के वंशज मनोनीत
मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के वंशज और समाजसेवी संभाजी राजे छत्रपति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पंड्या ने नॉमिनेशन का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिसके बाद संभाजी राजे को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया.

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