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नीतीश सरकार के लिए बीजेपी ऑक्‍सीजन जैसी: शिवसेना

जेडीयू के एनडीए से बाहर निकलने की कवायद पर शिवसेना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह करते हुए कहा कि बीजेपी उनकी सरकार के लिए ‘ऑक्सीजन’ की तरह है. शिवसेना ने कहा कि गठबंधन टूटने पर यह ‘आईसीयू’ में जा सकती है.

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उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे

जेडीयू के एनडीए से बाहर निकलने की कवायद पर शिवसेना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह करते हुए कहा कि बीजेपी उनकी सरकार के लिए ‘ऑक्सीजन’ की तरह है. शिवसेना ने कहा कि गठबंधन टूटने पर यह ‘आईसीयू’ में जा सकती है.

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बीजेपी के पुराने सहयोगी शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के लिए ऑक्सीजन की तरह है, जैसे पंजाब में यह (बीजेपी) शिरोमणि अकाली दल के लिए है.’

अखबार के संपादकीय में कहा गया है कि मौजूदा समय में सबसे बड़ा रुपैया, सबसे बड़ी चीज सत्ता है. जब सत्ता में रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है, तब किसी को खुद से अपने लिए क्यों समस्या पैदा करनी चाहिए और आईसीयू में भर्ती होना चाहिए. चाहे वह नीतीश हो या कोई और व्यक्ति.’ इसमें यह भी कहा गया है कि आज की राजनीति आदर्शवाद की तुलना में कहीं अधिक प्रैक्टिकल है.

संपादकीय में हिंदू वोट के महत्व का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘सम्मान पाने के लिए सम्मान करें. मुसलमान वोटों की तरह हिंदू वोट भी निर्णायक हो सकते हैं और यह महाराजगंज लोकसभा उपचुनाव के नतीजे से जाहिर हो चुका है.’

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समझा जा रहा है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने महाराजगंज में जेडीयू उम्मीदवार का पूरे जोर से समर्थन नहीं किया, जिसके चलते उसे (जेडीयू को) शिकस्त मिली, जबकि नीतीश कुमार ने अपने उम्मीदवार व राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया था. बीजेपी में हाल में हुए घटनाक्रमों पर कांग्रेस के रुख की भी संपादकीय में आलोचना की गई है.

संपादकीय में कहा गया है, ‘आडवाणी ने बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन एनडीए के अध्यक्ष पद से नहीं दिया था. यदि कांग्रेस कहती है कि वह तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के यूपीए छोड़ने के बावजूद अभी भी मजबूत स्थिति में है, तो उन्हें किसने कह दिया कि एनडीए कमजोर हो गया है.’ इसमें कहा गया है, ‘यह कांग्रेस ही है जो राजनीति में नैतिक मूल्यों में गिरावट के लिए जिम्मेदार है.’

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