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सबरीमाला में एंट्री का विरोध तेज, महिला ने की खुदकुशी की कोशिश

सबरीमाला मंदिर के कपाट बुधवार को 5 दिन की मासिक पूजा के लिए खुलने वाले हैं. इस मौके पर महिला संगठनों ने मंदिर में प्रवेश की योजना बनाई है.

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सबरीमाला मंदिर ( फाइल फोटो- Getty Images)
सबरीमाला मंदिर ( फाइल फोटो- Getty Images)

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केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध भी तेज हो गया है. बुधवार से अदालत के आदेश के मुताबिक मंदिर में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री शुरू हो जाएगी. इस बीच राजधानी तिरुअनंतपुरम में फैसले के खिलाफ जारी प्रदर्शन में एक महिला ने खुद को पेड़ से लटकाकर खुदकुशी की कोशिश भी की, हालांकि वहां मौजूद लोगों ने पुलिस की मदद से महिला को सुरक्षित बचा लिया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालने कराने के लिए केरल सरकार ने कमर कस ली है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस बीच महिलाओं के प्रवेश से पहले इसके विरोध को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी सहित कई राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठनों ने केरल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सबरीमाला मंदिर का कपाट बुधवार को 5 दिन की मासिक पूजा के लिए खुलने वाले हैं. इस मौके पर महिला संगठनों ने मंदिर में प्रवेश की योजना बनाई है.

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राज्य सरकार ने की तैयारी

केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करेगी. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को चुनौती देने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट में कोई समीक्षा याचिका नहीं दायर करेगी. विजयन ने कहा कि उनकी सरकार कोर्ट को बता चुकी है कि उसके आदेश का हर हाल में पालन किया जाएगा.

त्राणवकोर देवसोम बोर्ड ने तांत्री (प्रमुख पुरोहित) परिवार, पंडलाम राजपरिवार और अयप्पा सेवा संघम समेत अलग-अलग संगठनों की मंगलवार को बैठक की. 17 नवंबर से शुरू हो रही खास पूजा की तैयारी के लिए बुलाई गई इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा होने का भी अनुमान है. बीते सोमवार को मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने मंदिर के पुजारी परिवार (पंडालम) को बैठक के लिए बुलाया था ताकि बीच-बचाव का कोई रास्ता निकल सके लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है.  

तृप्ति देसाई जाएंगी मंदिर

सबरीमाला मंदिर की लड़ाई महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने लड़ी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने ऐलान किया वे जल्द मंदिर में प्रवेश करेंगी. दूसरी ओर कई कट्टरपंथी संगठन देसाई को मंदिर जाने पर जान से मारने की धमकी दे चुके हैं. कट्टरपंथियों ने अपनी चेतावनी में कहा है कि तृप्ति देसाई को किसी भी कीमत पर मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है.

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