स्वात घाटी में तालिबान ने महिलाओं का जीना हराम कर दिया है. पहले लड़कियों का स्कूल जाना बंद करवाया. फिर महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी और अब उसने फरमान जारी कर कहा है कि महिलाएं अपना पहचान पत्र नहीं बना सकतीं. क्योंकि तालिबान की नजर में ये इस्लाम के खिलाफ है.
स्वात घाटी में यह फरमान जारी किया है तहरीके-ए-तालिबान के कमांडर ओमर फारूख ने. स्वात घाटी में सरकारी मुलाजिमों को हुक्म दिया गया है कि वो महिलाओं को आई कार्ड जारी नहीं करें. तालिबान ने धमकी दी है कि अगर कोई सरकारी मुलाजिम उसके फरमान की अनदेखी करेगा तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा.
तालिबान को महिलाओं की आजादी पसंद नहीं. तालिबान को महिलाओं का बाहर घूमना पसंद नहीं. तालिबान को लड़कियों का स्कूल जाना पसंद नहीं और अब उसने कहा है कि उसे महिलाओं को आई कार्ड दिया जाना पसंद नहीं क्योंकि आई कार्ड पर महिलाओं की तस्वीर लगी होती है, जो कि इस्लाम के खिलाफ है.
स्वात घाटी में महिलाओं को पहचान पत्र बांटने का काम पाक के नेशनल डाटाबेस रजिस्ट्रेशन ऑथिरटी ने शुरू किया था लेकिन अब तालिबान के फ़रमान आने के बाद उसे ये काम बंद करना होगा. स्वात घाटी में तालिबान का न सिर्फ हुकूमत चलता है बल्कि उसका अपना अलग कानून भी है जो वो खुद बनाता है. स्वात में आज महिलाओं के साथ जो कुछ भी हो रहा है वो अफगानिस्तान की याद दिलाता है क्योंकि तालिबान ने वहां भी महिलाओं की जिंदगी इसी तरह हराम कर दी थी.