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महिला खिलाड़ियों के लिये हो महिला कोच: मैरीकाम

चार बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मैरीकाम ने अपने राज्य मणिपुर की हाकी खिलाड़ी रंजीता देवी के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिये महिला कोच की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे खिलाड़ियों को भी काफी फायदा होगा.

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चार बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मैरीकाम ने अपने राज्य मणिपुर की हाकी खिलाड़ी रंजीता देवी के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिये महिला कोच की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे खिलाड़ियों को भी काफी फायदा होगा.

मैरीकाम ने कहा, ‘‘मैंने इस घटना के बारे में सुना. यह काफी हैरान करने वाली है. राष्ट्रीय कोच को इस तरह के बर्ताव के लिये सजा मिलनी चाहिए. महिला खिलाड़ियों को किस- किस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.’’

महिला खिलाड़ी रंजीता देवी ने राष्ट्रीय हाकी कोच एम के कौशिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और इस घटना की जांच कर रही समिति ने भी इन आरोपों को सही मानते हुए इस मामले को पुलिस के सुपुर्द कर दिया है.

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राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित इस मुक्केबाज ने कहा कि महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन छोटे इलाके से आने वाली खिलाड़ी अपनी समस्या उन्हें (पुरूष कोचों को) नहीं बता सकती और अगर सेक्स स्कैंडल जैसी घटना किसी के साथ हो जाये तो वह इस बात को बताने में भी काफी हिचकिचायेगी.{mospagebreak}

मैरीकाम ने कहा, ‘‘महिला खिलाड़ी इस तरह होने वाली घटनाओं से अपने खेल पर ध्यान नहीं लगा पायेगी.’’ महिला कोच की नियुक्ति और महिला स्‍टॉफ रखने के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा, ‘‘महिला कोच रखना बेहतर है, इससे खिलाड़ियों का मनोबल तो निश्चित रूप से बढ़ेगा. महिला कोच होगी तो खिलाड़ी अपनी सारी समस्यायें भी बता सकेंगी.’’

मैरीकाम ने कहा कि महिला खिलाड़ियों के साथ महिला स्टाफ होना निहायती जरूरी है क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं कि पुरूष स्टाफ महिलाओं से सही व्यवहार करे. उन्होंने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी से संन्यास लेने के बाद कोच बनना चाहेंगी जिससे महिला मुक्केबाजों को इस तरह की मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़े.

मैरीकाम ने कहा, ‘‘मुक्केबाजी में इस तरह की घटना का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन महिला खिलाड़ियों के लिये ऐसी समस्यायें आती ही रहेंगी. इनसे बचा नहीं जा सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोच लिया है कि जब मेरा कैरियर खत्म हो जायेगा तो मैं युवा मुक्केबाजों की मदद के लिये कोच बनने की कोशिश जरूर करूंगी.’’

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