#MeToo अभियान के तहत लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से चौतरफा घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया है. अकबर के खिलाफ चले अभियान के जोर पकड़ने के बाद ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकारों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर उनको मंत्रीपद से हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग की थी.
एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर महिला पत्रकारों ने खुशी जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया थी. वरिष्ठ पत्रकार सबा नकवी ने ट्वीट कर लिखा,'महाअष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने दानव का वध किया...एम जे अकबर गए..'
On #MahaAshtami Devi Durga slays the demon...#MJAkbar gone....
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) October 17, 2018
वरिष्ठ पत्रकार शोभा डे ने ट्वीट में लिखा, '97 वकीलों का भुगतान अब कौन करेगा? हो सकता है सभी आरोपी पुरुष अपने संसाधनों को इकट्ठा कर सकते हैं और अपनी सामूहिक भ्रष्टता बचाव करें?'
Who pays for the 97 lawyers now???? Maybe all the accused men can pool in their resources and defend themselves as a collective of perverts?
— Shobhaa De (@DeShobhaa) October 17, 2018
वरिष्ठ पत्रकार सुहासिनी हैदर ने ट्वीट में लिखा, 'राज्यमंत्री एमजे अकबर का इस्तीफा. इसके लिए 10 दिन बाद और 20 महिलाओं को बाहर आकर उनपर यौन शोषण का आरोप लगाना पड़ा. रविवार को उन्होने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा है मानहानि की न्यायिक प्रक्रिया से पहले वो इस्तीफा दे रहे हैं.'
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट में लिखा,'आखिरकार!!! दो हफ्ते और 20 महिलाओं की बहादुरी की वजह से एमजे अकबर को इस्तीफा देना पड़ा. महिलाओं के आक्रोश को और बल मिले, शोषण के बिना काम करने का अधिकार , समानता का अधिकार, हमारे होने का अधिकार हमारा हक है. प्रिया रमानी का शुक्रिया, हम आपकी कानूनी लड़ाई में आपके साथ हैं.
वरिष्ठ पत्रकार प्रत्रकार निधि राजदान ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट में लिखा,'मुझे लगता है इसके पीछे तौलिया और अंडरवियर था. अकबर का इस्तीफा.'
स्वतंत्र पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने ट्वीट में लिखा,'एमजे अकबर अभी भी राज्यसभा सांसद है. राज्यसभा अध्यक्ष को उनकी सदस्यता रद्द करनी चाहिए. अनुशासन समिति से सिफारिश की जरूरत है.
लेखिका जैनब सिकंदर ने ट्वीट में लिखा,'इससे 'शक्ति'- महिलाओं की ताकत का पता चलता है. चलिए उन्नाव गैंगरेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को इस्तीफा दिलाते हैं. शुभरात्रि के माहौल में सौम्य मत होइए. कम होते प्रकाश के खिलाफ आक्रोश, आक्रोश.'
पत्रकार मीनल बघेल ने ट्वीट में लिखा, 'हम सभी का समर्थन करने वालों का बहुत शुक्रिया.'
A very big thanks to everyone who backed each of us. #MJAkbar
— Meenal Baghel (@writemeenal) October 17, 2018
एमजे अकबर के साथ काम कर चुकीं वरिष्ठ पत्रकार सीमा मुस्तफा ने ट्वीट में लिखा,'#MeToo अभियान के तहत लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया.
आपको बता दें कि एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी. इसके जवाब में प्रिया ने भी चुनौती को स्वीकारते हुए कहा था कि अकबर द्वारा लगाए गए मानहानि के आरोपों का सामना करने और लड़ने के लिए तैयार हूं, क्योंकि सिर्फ सच ही मेरा बचाव है.
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे अकबर पर विपक्ष की ओर से इस्तीफे का दवाब बनाया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को एक चुनावी सभा में अकबर के बहाने मोदी सरकार पर हमला बोला था.
दरअसल, विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं. उनके ऊपर अब तक कई महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी.
रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए. जिसकी वजह से सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी.