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हिंदी फिल्म के लिए कॉस्ट्यूम्स डिजाइन करेंगी तिहाड़ जेल की महिला कैदी

महिला जेल नंबर 6 में स्थित फैशन लैब में प्रशिक्षित की गईं इन कैदी डिजाइनर्स को कलाकारों समेत ‘मार्कशीट’ की टीम से मिलाया जाएगा. ऐसा करने से उन्हें फिल्म का कॉन्सेप्ट समझने और और उसके हिसाब से कलाकारों के कॉस्ट्यूम डिजाइन करने में मदद मिलेगी.

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तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल

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तिहाड़ जेल के कैदियों की ओर से बनाए गए उत्पादों के बारे में आपने सुना होगा. अब तिहाड़ जेल एक और इतिहास बनाने जा रहा है. हिन्दी फीचर फिल्म ‘मार्कशीट’ की कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए तिहाड़ जेल की कुछ महिला कैदियों को चुना गया है. दुनिया में ऐसा पहली बार होने का दावा किया जा रहा है. ये महिला कैदी मशहूर फैशन डिजाइनर विंकी सिंह के मार्गदर्शन में कॉस्ट्यूम डिजाइन करेंगी.    

महिला जेल नंबर 6 में स्थित फैशन लैब में प्रशिक्षित की गईं इन कैदी डिजाइनर्स को कलाकारों समेत ‘मार्कशीट’ की टीम से मिलाया जाएगा. ऐसा करने से उन्हें फिल्म का कॉन्सेप्ट समझने और और उसके हिसाब से कलाकारों के कॉस्ट्यूम डिजाइन करने में मदद मिलेगी.

‘मार्कशीट’को सच्ची घटना पर आधारित बताया गया है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे गांव का एक डरपोक लड़का बड़ा होकर अपराधी बन जाता है. दावा किया जा रहा है कि ये दुनिया की पहली फिल्म है जिसके सभी कॉस्ट्यूम्स जेल कैदियों की ओर से डिजाइन किए जाएंगे.

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बता दें कि फरवरी 2017 में तिहाड़ में फैशन लैब की स्थापना की गई थी. इसी लैब में महिला कैदियों को डिजाइनिंग का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने महिला कैदी डिजाइनर्स के हुनर को दिखाने के लिए फैशन शो का भी आयोजन किया. फैशन डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने के बाद महिला कैदियों ने मॉडल्स के साथ अपने हुए डिजाइन किए कपड़े पहन कर परेड भी की.

तिहाड़ जेल एशिया की सबसे बड़ी जेल हैं. यहां कैदियों को सजा पूरी करने के बाद पुनर्वास के उद्देश्य से कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. तिहाड़ जेल (TJ’s) के उत्पादों में लकड़ी का फर्नीचर, मोमबत्तियां, बेकरी प्रॉडक्टस शामिल हैं. प्रदर्शनियों, हाट आदि में तिहाड़ जेल के उत्पादों को लोगों की ओर से हाथों-हाथ लिए देखे जा सकता है.  

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