कांग्रेस उपाध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का भाषण आखिर किस बारे में था? राहुल के भाषण में हिन्दी और अंग्रेजी को मिलाकर करीब 4000 शब्द थे, लेकिन पूरे भाषण में 10 शब्द ऐसे रहे जिसका इस्तेमाल राहुल ने कई बार किया.
अगर हम इन 10 शब्दों पर गौर करें तो असल भारत को समझना, आम आदमी की आवाज सुनना, सत्ता का हस्तातंरण और ढीले रवैये का खात्मा, राहुल के भाषण के मुख्य बिंदु थे.
ये कहा राहुल गांधी ने भाषण में, ‘पहले मैं युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का प्रभारी एवं पार्टी महासचिव था. अब मैं कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष हूं. आपको यह नहीं महसूस करना चाहिए कि राहुल केवल युवाओं की बात करता है. राहुल के परिवार में अब सभी यानी कांग्रेस, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस हैं. आज से राहुल गांधी सभी के लिए काम करेगा. मैं वायदा करना चाहता हूं कि मैं आपके साथ समानता का व्यवहार करूंगा चाहे वह युवा नेता हों, अनुभवी नेता हों या महिलाएं हों. मैं सबकी सुनूंगा.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘जैसा पहले हुआ करता था कि नेहरू, पटेल और मौलाना आजाद जैसे दर्जन भर नेताओं की जमात थी और उनमें से कोई भी पीएम बन सकता था. ये बात हमें पैदा करनी है कि 40 से 50 ऐसे नेता तैयार रहें जो जरूरत पडने पर पीएम या सीएम बन सकें. हर जिले और हर राज्य स्तर पर ऐसी बात होनी चाहिए और अगर कोई पूछे कि कांग्रेस क्या करती है तो हम कह सकें कि कांग्रेस देश के लिए नेता तैयार करती है. धर्मनिरपेक्ष और जनता से जुडे नेता और लोगों की समस्याओं को समझने वाले नेता, नेतृत्व निर्माण के लिए ढांचे की जरूरत है.'
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं सब कुछ नहीं जानता. दुनिया का कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो सब कुछ जानता हो. मैं पार्टी में जज का काम करूंगा, वकील का नहीं.’ राहुल ने कहा कि 1947 में भारत आजाद हुआ, आजादी हथियारों से नहीं बल्कि ‘आवाज’ से मिली. अन्य देशों ने आजादी की लडाई हिंसा और हथियारों से लडी लेकिन हमने अहिंसा से. सबने कहा ऐसा संभव नहीं होगा लेकिन हमने ब्रिटिश हुकूमत को अहिंसा के जरिए देश से भगा दिया.
10 वो शब्द जिनका राहुल ने कई बार इस्तेमाल किया
भारत/भारतीय 24
आवाज 22
सत्ता 9
बदलाव 8
हिंसा 4
ज्ञान 4
युवा 4
गांधी 4
चुनाव 3
साधारण 3