scorecardresearch
 

किशनगंगा-रातले प्रोजेक्ट पर PAK को झटका, वर्ल्ड बैंक ने भारत को दी निर्माण की इजाजत

वर्ल्ड बैंक ने माना कि भारत ने इस मसले पर सिंधु जल संधि की शर्तों का पालन किया है. ऐसे में भारत को संधि की शर्तों को ध्यान में रखते हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने की इजाजत दी जाती है.

Advertisement
X
भारत को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट निर्माण की इजाजत
भारत को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट निर्माण की इजाजत

Advertisement

किशनगंगा-रातले परियोजना पर पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. वर्ल्ड बैंक ने सिंधु जल संधि के तहत भारत को पावर प्रोजेक्ट बनाने की इजाजत दे दी है.

आईडब्ल्यूटी (IWT) को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की बातचीत खत्म होने पर मंगलवार को जारी एक फैक्ट शीट में ये परमिशन दी. फैक्ट शीट में कहा गया है कि पाकिस्तान किशनगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट (330 मेगावॉट) और रातले हाइड्रो प्रोजेक्ट (850 मेगावॉट) के निर्माण का विरोध कर रहा है. जबकि भारत इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण कर रहा है. वर्ल्ड बैंक ने माना कि भारत ने इस मसले पर सिंधु जल संधि की शर्तों का पालन किया है. ऐसे में भारत को संधि की शर्तों को ध्यान में रखते हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने की इजाजत दी जाती है. बता दें कि किशनगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट झेलम नदी पर बनना प्रस्तावित है, जबकि रातले हाइड्रो प्रोजेक्ट चेनाब नदी पर बनना है.

Advertisement

इन दोनों प्रोजेक्ट के डिजाइन सिंधु जल संधि के अनुकूल हैं. बावजूद इसके पाकिस्तान इन प्रोजेक्ट्स को लेकर अपना विरोध जताता रहा है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बाकायदा दो संसदीय समितियों ने भारत से किशनगंगा और रातले पनबिजली प्रोजेक्ट फौरन बंद करने को कहा था. इसके बाद विदेश और जल एवं ऊर्जा मामलों की समितियों ने वर्ल्ड बैंक से मसले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता कोर्ट बनाने की मांग दोहराई की थी. समितियों का मानना था कि सिंधु जल समझौते के तहत दोनों देशों के बीच जल विवाद सुलझाना वर्ल्ड बैंक की जिम्मेदारी है.

अभी इस तकनीकी मुद्दे पर दोनों देशों में सचिव स्तर की बातचीत हुई है. बातचीत की समाप्ति पर विश्व बैंक ने बताया कि यह बातचीत सद्भाव और सहयोग के माहौल में हुई. दोनों पक्ष बातचीत आगे जारी रहने पर सहमत हुए हैं. अगले दौर की बातचीत वॉशिंगटन में सितंबर में होगी.

भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) 1960 में हुआ था. समझौते के तहत छह नदियों- ब्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चेनाब और झेलम का पानी भारत और पाकिस्तान को मिलता है. 

 

Advertisement
Advertisement