वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमले कर रही है. राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रिपोर्ट पर केंद्र सरकार को घेरा है. सिंघवी ने रैंकिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि रैंकिंग तो फिक्स की जा सकती है, लेकिन असलियत को नहीं छिपाया जा सकता.
Easy to hire consultants and 'fix' #EaseOfDoingBuisness rankings. It's hard to undo the real damage done to Indian economy by Messrs Modi&Co
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) November 1, 2017
सिंघवी ने ट्वीट कर कहा कि यदि आधारभूत चीजों में ही दिक्कत होगी तो ऐसी कोई भी रैंकिंग वास्तविकता को झुठला नहीं सकते.
#EaseOfDoingBuisness at best a signalling factor. If your basics are fundamentally weak, no amount of marketing hype can fix 'lived reality'
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) November 1, 2017
वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट पर एक ओर जहां मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही, वहीं विपक्ष ने इस रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिए हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ''ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की हकीकत सबको मालूम है, खुद को खुश करने के लिए जेटली जी ख्याल अच्छा है.'' राहुल ने गुजरात की रैली में भी कहा कि वित्तमंत्री विदेशी लोगों की बात मानते हैं, लेकिन देश में गरीब कारोबारियों की नहीं सुनते.
जेटली ने किया था पलटवार
राहुल के इस ट्वीट के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि यूपीए और एनडीए सरकार में सिर्फ इतना अंतर है कि ईज़ ऑफ डूइंग करप्शन की जगह ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस ने ले ली है.
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि जिनके लिए ईज़ ऑफ डूइंग करप्शन महत्वपूर्ण था, उन्हें भला ईज़ ऑफ डूइिंग बिजनेस क्या समझ आएगा. यह पहली बार है, जब भारत कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 100 देशों में जगह बनाने में कामयाब हुआ है. भारत ने 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' की रैंकिंग में ऐतिहासिक छलांग लगाई है. भारत पहले 130वें नंबर पर था और 100वें स्थान पर पहुंच गया है.