scorecardresearch
 

अपने खर्च पर खेलेंगे विश्‍वकप: हॉकी खिलाड़ी

हाकी इंडिया से नया अल्टीमेटम मिलने के बावजूद अपनी मांगों पर अडिग भारतीय खिलाड़ियों ने मंगलवार को एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनके लिये देश की नुमाइंदगी करना पैसे से अधिक अहम है और वे अपने खर्च पर विश्व कप में खेलने को तैयार हैं.

Advertisement
X

Advertisement

हाकी इंडिया से नया अल्टीमेटम मिलने के बावजूद अपनी मांगों पर अडिग भारतीय खिलाड़ियों ने मंगलवार को एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनके लिये देश की नुमाइंदगी करना पैसे से अधिक अहम है और वे अपने खर्च पर विश्व कप में खेलने को तैयार हैं.

हाकी इंडिया के अधिकारियों से बातचीत विफल रहने और ‘लालची’ होने की तोहमत लगने के बाद खिलाड़ियों ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में पलटवार करते हुए कहा,‘‘ हमारे लिये देश के लिये खेलना सबसे अहम है. हम पैसे के पीछे नहीं भागते. यदि हाकी इंडिया पर इतना ही बोझ है तो हमें उनसे कुछ नहीं चाहिये, हम अपने खर्च पर विश्व कप में खेलने के लिये तैयार है.’’

कप्तान राजपाल सिंह ने कहा,‘‘हम शिविर में अभ्‍यास करने ही आये हैं लेकिन अपने हक की बात करने से कोई नहीं रोक सकता. हाकी इंडिया के पास पैसा नहीं है तो हम खुद विश्व कप खेलने के लिये अपना खर्च उठाने को तैयार हैं. पहले भी जूनियर टीम ने विश्व कप में ऐसा किया था.’’

खिलाड़ियों को 25 . 25 हजार रूपये की पेशकश के बारे में पूछने पर सीनियर फारवर्ड प्रभजोत सिंह ने कहा,‘‘ यह राष्ट्रीय टीम है, कोई स्कूली टीम नहीं जिसे टिप दी जा रही है. यदि उनके पास पैसा नहीं है तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते. नयी हाकी इंडिया हमारी मांगे पूरी करेगी.’’

शिविर में लौटने के लिये 48 घंटे के अल्टीमेटम को धता बताते हुए सीनियर खिलाड़ी दीपक ठाकुर ने कहा,‘‘ जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती, हम शिविर में नहीं लौटेंगे. हम यही रहेंगे लेकिन अभ्‍यास नहीं करेंगे.

प्रभजोत ने कहा ,‘‘ यदि हाकी इंडिया अपने खर्च पर विश्व कप में खेलने की हमारी पेशकश मान लेता है तो हम कल से अभ्‍यास पर लौटने को तैयार हैं.’’ हाकी इंडिया की नयी टीम चुनने की धमकी के बारे में गोलकीपर एड्रियन डिसूजा ने कहा ,‘‘ हम विश्व कप में खेलना चाहते हैं. यदि हाकी इंडिया ने ठान ही रखी है तो हम नहीं खेल पायेंगे लेकिन यहां से लौटने पर हम कोई जश्न नहीं मनाने वाले. हममें से हर कोई दुखी ही होगा.’’ कुछ खिलाड़ियों द्वारा शिविर में लौटने की इच्छा जताये जाने की मीडिया रपटों के बारे में उन्होंने कहा कि यहां सारे 22 खिलाड़ी मौजूद है और कोई भी उनसे पूछ सकता है कि वे क्या चाहते हैं.

राजपाल ने कहा,‘‘ पूरी टीम एकजुट है हालांकि हमें तोड़ने की काफी कोशिशें की गई लेकिन कामयाब नहीं रही.’’ प्रभजोत ने कहा कि खिलाड़ियों की ओर से पिछले साल के बकाया चुकाने और ग्रेडेड भुगतान प्रणाली की मांग की गई थी और यदि हाकी इंडिया इतना भी नहीं कर सकती तो विश्व कप जीतने पर हर खिलाड़ी को एक करोड़ रूपया देने का दावा किस दम पर किया गया है.

हाकी इंडिया के कोषाध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद कहा था कि टीम विश्व कप जीतती है तो प्रत्येक खिलाड़ी को एक करोड़ रूपया दिया जायेगा.

Advertisement

प्रभजोत ने कहा,‘‘ जीतने पर हर खिलाड़ी को एक करोड़ रूपये देने का दावा करने वाली हाकी इंडिया हमारा 2009 का बकाया तो चुका दे जिसमें हमने पोडियम फिनिश हासिल की थी. हमें पिछले साल के एक भी टूर्नामेंट की प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ हमने प्रायोजक सहारा इंडिया से मिलकर बात करने की गुजारिश की तो उसे भी नामंजूर कर दिया गया. हमें कुछ दस्तावेज दिखाकर कहा गया कि ये बैलेंस शीट है जबकि हकीकत कुछ और है.’’ यह पूछने पर कि विश्व कप दहलीज पर होते हुए क्या उन्हें नहीं लगता कि विरोध प्रदर्शन की टाइमिंग गलत थी, ठाकुर ने कहा कि गलती हो सकती है लेकिन यदि यह समय नहीं चुना जाता तो हमेशा की तरह खिलाड़ियों की आवाज दबा दी जाती.

उन्होंने कहा,‘‘ हमने पहले भी कई मौकों पर अपनी मांगे रखी है लेकिन हमारी आवाज दबा दी गई. यदि विश्व कप से पहले हम यह मुद्दा नहीं उठाते तो इतना बड़ा मसला नहीं बनता. हम देश को तस्वीर दिखाना चाहते थे कि भारतीय हाकी खिलाड़ियों का वर्तमान और भविष्य क्या है.’’ यह पूछने पर कि दिल्ली में बैठक के बाद समझौता होने का ऐलान क्यों किया गया, प्रभजोत ने कहा कि बाकी खिलाड़ियों की रजामंदी के बिना फैसला लेने का सवाल ही नहीं उठता था.

उन्होंने कहा,‘‘ हम छह खिलाड़ी दिल्ली गए थे लेकिन बाकी 14 यहां थे जिनसे पूछना जरूरी था. हमने तब भी कोई पक्का हल निकलने का वादा नहीं किया था. हमें किसी चीज का आश्वासन ही नहीं मिला था. हाकी इंडिया का कहना है कि सहारा ने 2011 तक के लिये पैसे दे दिये है और अब नहीं मिलेंगे तो हम क्या उम्मीद करें.’’

Advertisement
Advertisement