सोलर एनर्जी से चलने वाले दुनिया के पहले विमान ‘सोलर इंपल्स’ ने अपने पहले ‘वर्ल्ड टूर’ के लिए अबु धाबी से उड़ान भरी. यह विमान की परीक्षण उड़ान है. यह विमान अरब सागर को पार करने के बाद भारत पहुंचेगा जहां से वह म्यांमा, चीन, हवाई और न्यूयॉर्क जाएगा.
सोलर इंपल्स के अध्यक्ष बटर्रन्ड पिकार्ड ने भावुक होते हुए कहा, ‘एडवेंचर शुरू हो गया है.’ पायलट आंद्रे बोशबर्ग ने अबु धाबी के अल-बातीन हवाई अड्डे से यह ऐतिहासिक उड़ान भरी जिसका लक्ष्य हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना है.
सौर ऊर्जा संचालित विमान के चालक बर्टरेंड पिकार्ड और आंद्रे बोर्शबर्ग संभवत: दो दिन शहर में रह सकते हैं और इसके बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी रवाना होंगे. संयुक्त अरब अमीरात में खराब मौसम के कारण स्विट्जरलैंड के इस विमान ने एक दिन के विलंब से उड़ान भरी. विमान को सोमवार को ही अहमदाबाद में उतरना था लेकिन वह आज यहां उतरेगा. पिकार्ड और बोर्शबर्ग अहमदाबाद में सरकारी संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों में जाकर पर्यावरण से जुड़ी तकनीक का संदेश फैलाएंगे.
परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विमान स्वच्छ ऊर्जा और साफ-सफाई का संदेश फैलाने के लिए वाराणसी की गंगा नदी के ऊपर भी मंडराएगा. परियोजना की वेबसाइट में ऐसा दावा किया गया है कि सोलर इम्पल्स ईंधन के बिना पूरी तरह सौर ऊर्जा से दिन और रात उड़ान भरने वाला पहला विमान है. वेबसाइट के अनुसार एकल सीट वाला यह विमान कार्बन फाइबर से बना है. इसका ‘विंगस्पैन’ 72 मीटर का है जो बोइंग 747 से अधिक है. इसका वजन 2,300 किलोग्राम है जो एक कार के वजन के बराबर है.
अहमदाबाद के बाद विमान वाराणसी में रुकेगा. इसके बाद यह म्यांमा के मांदले, चीन के चोंगछिंग और नानजिंग में रुकेगा. हवाई से होकर प्रशांत महासागर से गुजरने के बाद यह विमान अमेरिका के फीनिक्स, मिडवेस्ट और न्यूयार्क सिटी में रुकेगा.