अगर सोनिया गांधी की जगह मैं होता है तो अपने दामाद को सीधे कहता कि आपने जो 50 करोड़ कमाए हैं, वह जनता का धन है, उसे लौटा दीजिए. ये कहना है आईएएस अशोक खेमका का. उन्हीं की जांच रिपोर्ट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और विपक्ष ने इसे संसद से सड़क तक मुद्दा बनाया. आज तक के कार्यक्रम सीधी बात में राहुल कंवल से बात करते हुए खेमका ने यह आरोप भी लगाया कि जमीन घोटाले में उन्होंने वाड्रा के खिलाफ जो आरोप लगाए, उन्हें अगली इंक्वायरी में गलत साबित करने के लिए सरकार ने साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाई है.
वाड्रा ने लूटा गरीबों का पैसा
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ रिपोर्ट फाइल करने से जुड़े सवाल पर खेमका ने बोले,'मैं इसे किसी का व्यक्तिगत मसला नहीं कहूंगा. लेकिन जो मेरी ड्यूटी थी, मैंने पूरी की. हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने मुझसे पूछा कि आप इस इंक्वायरी रिपोर्ट पर कमेंट दें क्योंकि मुझे इंक्वायरी में शामिल नहीं किया गया. मैंने अपनी जांच में कई कानूनों का उल्लंघन पाया. साफ नजर आ रहा था कि देश के गरीबों के धन की लूट हुई है. 50 करोड़ का फायदा जो हुआ उससे इस देश के 50 लाख परिवारों की एक दिन की रोज़ी रोटी आ सकती है.
अपना धर्म न निभाता तो सो न पाता
एक आईएएस अफसर ने सत्ता के दबाव को दरकिनार कर देश के सबसे ताकतवर परिवार के मुखिया को घेरे में लिया. सरकार कह रही है कि खेमका विपक्ष का खिलौना बन गए. इन सब पर इस आईएएस अफसर का जवाब है कि अगर मैं अपना धर्म नहीं निभाता तो शायद रात को सो नहीं पाता. मुझे अहसास रहता कि मैंने कुछ लोगों के संग दगा किया है. पर अब मैंने धर्म निभाया हैं. ये निर्णय आसान नहीं था क्योंकि मुझे पता था कि बहुत परेशानी झेलनी पड़ेगी. उस आदेश के बाद मेरे दिन कुछ अच्छे नहीं हैं. मुझे ये अपेक्षा तो पहले ही नहीं थी कि इस ऑर्डर को पास करने के बाद मुझे सरकार की ओर से माला पहनाई जाएगी. मैं इतना मूर्ख नहीं था, लेकिन मैं बगैर भय और लालच के अपना काम कर रहा थ. मैंने कोई पाप नहीं किया है.'
गलती सुधाने से आदमी महात्मा बनता है
वाड्रा मामले में अब क्या रास्ता बचता है. इस सवाल के जवाब में अशोक खेमका ने कहा कि 'सोनिया गांधी की जगह मैं होता तो अपने दामाद को सीधी बात कहता कि ये जनता का धन है. आप ये 50 करोड़ जनता को लौटा दीजिए. गलती हर कोई करता है, पर गलती को सुधारना सबसे बड़ी बात होती है. वो आदमी को महात्मा बना देती है.'
नौकरी गई तो सड़क पर आ जाऊंगा
आपको नौकरी से डिसमिस कर दिया तो आप क्या राजनीति में आएंगे, इस सवाल के जवाब में खेमका ने कहा,'नौकरी जाने के बाद मैं क्या करूंगा, ये मैं उसी वक्त सोचूंगा. आज मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. अगर मेरी नौकरी जाती है तो मैं और मेरा परिवार सड़क पर आ जाएंगे. ये खोखली बात है कि मैं राजनीति में आऊंगा. वो मेरा पेशा नहीं है. जिस पेशे में मैं हूं उसमें सतुंष्ट हूं और 60 वर्ष तक इस नौकरी में रहूंगा और रहना चाहूंगा.'
मेरी किसी सरकार से सेटिंग नहीं रही
बार-बार हुए तबादलों को लेकर पूछे गए सवाल पर खेमका ने कहा,'ये बात सही नहीं है. अगर आप मेरी रिपोर्ट के चैप्टर5 को पढ़ें तो मैंने पिछले चार तबादलों के कारण बताए हैं.अगर 22 साल के करियर में 44 तबादले हुए तो सरकार से उसके कारण भी पूछिए. कोई तबादला मेरी रिक्वेस्ट पर नहीं किया गया और ना ही मेरी किसी सरकार के साथ अच्छी सेटिंग है. ना ही मैं किसी नेता के साथ जुड़ा हूं. मैंने अपने करियर में अपने कर्तव्य को बराबर निभाया है. पिछले चार तबादले जो मेरे 1 साल में हुए वो सभी मैंने अपनी रिपोर्ट में लिखे हैं.