विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि यदि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली के खिलाफ भारत में सुनवाई हुई होती, तो उसके लिए अधिक सजा की मांग की जाती.
मुम्बई में 26 नवम्बर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली को गुरुवार को अमेरिका की एक अदालत ने 35 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई.
खुर्शीद से जब यह पूछा गया कि क्या हेडली के लिए 35 वर्ष कैद की सजा पर्याप्त है, तो उन्होंने कहा, 'यदि उसके मामले की सुनवाई यहां होती तो हम उसके लिए और अधिक सजा की मांग करते.' एक समझौते के तहत अमेरिकी अभियोजक इस बात पर सहमत हो गए थे, कि वे हेडली को मृत्युदंड दिए जाने की मांग नहीं करेंगे और उसे उसके अपराधों के लिए पाकिस्तान, भारत या डेनमार्क को भी नहीं सौंपेंगे.
जब उनसे पूछा गया कि क्या हेडली पर भारत में कभी मुकदमा चलेगा. इस पर उन्होंने कहा, 'इस सवाल का जवाब केवल अभियोजन अधिकारी ही दे सकते हैं, इस बारे में मैं अटकलें नहीं लगा सकता.'
उन्होंने आगे कहा कि भारत, हेडली के प्रत्यर्पण व उसके मामले की भारत में सुनवाई के लिए लगातार दबाव बनाता रहा है. यह जानकर अच्छा लगा कि उसे इसके लिए जबावदेह ठहराया गया और उसे कम से कम 35 साल की सजा तो दी गई.