अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वालों सहित कुछ अन्य लेखकों ने रविवार को अकादमी को पत्र लिखकर कहा कि हाल में हुई आपातकालीन बैठक के दौरान पारित प्रस्ताव पर अमल किया जाए. साथ ही कहा कि हालात पर कड़े, मानवीय एवं प्रभावशाली ढंग से प्रतिक्रिया जाहिर की जाए.
41 लेखकों ने लिखा खत
41 लेखकों के एक समूह ने अकादमी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि तेजी से फैलती नफरत और असहनशीलता के इस समय में यह एक अत्यंत आवश्यक मामला है. पत्र में अकादमी से यह अपील भी की गई है कि वह एक बार फिर अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज कराए.
ये लेखक हुए शामिल
इन लेखकों, कलाकारों ने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बैठक की. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में रोमिला थापर, आशीष नंदी, इरफान हबीब, कृष्णा सोबती, केदारनाथ सिंह, मंगलेश डबराल, असद जैदी, शर्मिला टैगोर, अली जावेद, तीस्ता सीतलवाड़, गौहर रजा जैसी शख्सियत शामिल हुईं.
विरोध में सम्मान वापसी
नयनतारा सहगल, अशोक वाजपेयी सहित 41 से ज्यादा लेखकों ने देश में लेखकों और तर्कवादियों की हत्या के हालिया मामलों और दादरी कांड और मुंबई में पूर्व बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतने की घटनाओं पर अकादमी की मौन प्रतिक्रया के विरोध में अपने सम्मान वापस कर दिए थे. पांच लेखकों ने अकादमी में अपने आधिकारिक पदों से भी इस्तीफा दे दिया था.