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दो दिन में 7 मुलाकातें, 9 घंटे तक वुहान में साथ-साथ रहे मोदी-जिनपिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार और शनिवार को यहां अपनी अनौपचारिक मुलाकात के दौरान करीब नौ घंटे साथ वक्त बिताया.

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पीएम मोदी के साथ शी जिनपिंग
पीएम मोदी के साथ शी जिनपिंग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार और शनिवार को यहां अपनी अनौपचारिक मुलाकात के दौरान करीब 9 घंटे साथ वक्त बिताया. भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने यह जानकारी दी. मोदी के शनिवार को यहां से भारत रवाना होने के बाद लुओ ने ट्वीट कर कहा, 'दो दिनों में सात मुलाकातें, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 घंटे का वक्त साथ बिताया. दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर आम सहमति के साथ लंबी बातचीत की.'

शुक्रवार तड़के यहां पहुंचने के बाद मोदी और शी ने सबसे पहले हुबेई प्रांतीय संग्रहालय में मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ वार्ता की. इसके बाद जिनपिंग ने मोदी के साथ एक प्रदर्शनी का दौरा किया.

7 बार मोदी-जिनपिंग की हुई मुलाकात

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इसके बाद जिनपिंग और पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत की. भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत निर्धारित समय से ज्यादा देर तक चली. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार शाम को भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया. इस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई.

लंच के बाद पीएम मोदी भारत रवाना

शनिवार सुबह पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने चाय पर फिर से चर्चा की और यहां ईस्ट लेक के किनारे सैर की. पीएम नरेंद्र मोदी ने वुहान शहर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नौका विहार किया. चीनी राषट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के लिए रवाना होने से पहले मोदी के लिए भोज आयोजित किया. इस वक्त भी दोनों के बीच काफी देर बातचीत हुई.

मुलाकात को यादगार बनाने में जुटे थे जिनपिंग

यही नहीं, खबरों की मानें तो पीएम मोदी इस दौरे से जुड़ी हर तैयारियों पर चीनी राष्ट्रपति की खास निगाहें थीं. इस मुलाकात को यादगार बनाने के लिए शी जिनपिंग हर छोटी-छोटी बातों का मुलाकात के दौरान ख्याल रख रहे थे. चीनी राष्ट्रपति की इस कोशिश को भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है.

गौरतलब है कि पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर बातचीत का कोई एजेंडा तय नहीं था. ऐसे में उन मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई जो दोनों देशों के लिए अहम हैं. हालांकि दोनों नेताओं के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है, लेकिन आपसी व्यापार को बढ़ाने पर दोनों नेताओं ने दिलचस्पी दिखाई.

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