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बर्फीले क्षेत्रों में याक के संरक्षण में ITBP का बड़ा योगदान

ITBP देश का पहला बल है, जिसने याक को रणनीतिक माल ढुलाई के लिए आधिकारिक तौर पर सपोर्ट ड्यूटी में शामिल किया है. ITBP की ओर से 'याक एक्सप्रेस' का इस्तेमाल सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में किया जा रहा है.

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याक एक्सप्रेस
याक एक्सप्रेस

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सियाचिन में चारों तरफ बर्फ की मोटी चादर के बीच जीवन कितना कठिन होता है, ये आसानी से समझा जा सकता है. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों को सियाचिन जैसे ही कई अनसुने बर्फीले क्षेत्रों में दिन-रात ड्यूटी पर डटे रहना होता है. खून को जमा देने और हड्डियों को कपकपा देने वाली ठंड भी जवानों के देशसेवा के जज्बे के सामने कहीं नहीं टिकती.

फ्रंट पर तैनात जवानों को राशन, पीने का पानी, हथियार समेत रक्षा सामग्री पहुंचाना भी अपने आप में एक चुनौती है. बर्फीले क्षेत्रों में माल ढुलाई के लिए याक, घोड़े और खच्चर सबसे बड़ा सहारा होते हैं. ITBP को जहां चीन की हर गतिविधि पर नजर रखनी होती है वहीं प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करना होता है.

ITBP देश का पहला बल है, जिसने याक को रणनीतिक माल ढुलाई के लिए आधिकारिक तौर पर सपोर्ट ड्यूटी में शामिल किया है. ITBP की ओर से 'याक एक्सप्रेस' का इस्तेमाल सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में किया जा रहा है. ये इलाके चीन के साथ LAC से सटे हुए हैं. अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में ITBP के वेटरनरी विंग को सेवाओं को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. 'बर्फीले रेगिस्तान के जहाज' यानी याक को ITBP के लिए माल ढुलाई करते देखना भी अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है.

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ITBP दुनिया में याक के संरक्षण के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है. याक की संख्या लगातार घटती जा रही है. ऐसे में ITBP के वेटरनरी और एनिमल ट्रांसपोर्ट यूनिट की ओर से याक के संरक्षण और देखभाल के लिए उठाए जाने वाले कदम सराहनीय हैं. समुद्र की सतह से 19,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में याक की अच्छी देखभाल के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाती है.

याक को ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में अनेक जनजातियों की ओर से 'दैवीय' माना जाता है. ऐसे में ITBP की ओर से याक के जीन पूल के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को स्थानीय लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. ना सिर्फ सरहद के इस पार बल्कि चीन की तरफ से भी लोग याक के संरक्षण के ITBP को प्रशंसा के संदेश भेज रहे हैं.

सरहद के दोनों और लोग याक को ना सिर्फ आर्थिक संसाधन बल्कि सांस्कृतिक प्रतीक भी मानते हैं. चीन में गांवों के आक्रामक आधुनिकरण की वजह से लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का दमन किया जा रहा है. इसे जनजातियों के लोग अपने जीने की पारंपरिक शैली में दखल मानते हैं. ये देखते हुए ITBP की ओर से जिस तरह याक को हैंडल किया जाता है, उस पर चीनी गांवों के लोग भी भारत की सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील लोकतांत्रिक परंपराओं की तारीफ कर रहे हैं.

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