याकूब मेमन की फांसी पर विवाद हो गया है. उधर याकूब को योग सिखाने वाले स्वामी हार्दिक ने दावा किया है कि याकूब ने जानबूझकर अपराध करने की बात स्वीकारी थी.
दरअसल याकूब ने पिछले साल नागपुर जेल में योग किया था और इसे काफी पसंद भी किया था. मुंबई हमलों के गुनहगार ने 2014 में नागपुर जेल में योग कैंप में हिस्सा लिया था. लेकिन इस साल रमजान के चलते वह योग नहीं कर सका. ये कैंप श्रीश्री रविशंकर की संस्था 'आर्ट ऑफ लिविंग' आयोजित करवाती है.
'याकूब ने स्वीकारा था गुनाह'
स्वामी हार्दिक ने बताया कि इस योग कैंप में फांसी की सजा पाए कई कैदी थे. उनके सामने याकूब ने कहा था कि हमने जानबूझकर गुनाह किया और उसकी सजा हमें मिल रही है. स्वामी हार्दिक ने बताया कि याकूब ने सूर्य नमस्कार और ओमकार समेत कई तरह के योगासन किया. खास तौर से वह सुदर्शन क्रिया काफी अच्छी करता था.
स्वामी हार्दिक के मुताबिक, याकूब योग से इतना प्रभावित था कि उसने योग कैंप आठ दिन के बजाय एक महीना चलने की इच्छा जताई थी.
फांसी के विरोध में कैदियों की भूख हड़ताल
उधर, याकूब को फांसी के विरोध में सोमवार को 8 से 10 कैदियों ने नागपुर जेल में भूख हड़ताल की. कैदियों ने इस बारे में प्रेस नोट जारी कर याकूब को फांसी न देने की मांग की. उन्होंने लिखा कि कई देश मौत की सजा नहीं देते हैं और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसके बावजूद यहां फांसी दी जाती है.