उत्तर प्रदेश में बारिश के प्रकोप में 19 लोगों की मौत हो गयी जबकि हरियाणा द्वारा यमुना में 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.
गौरतलब है कि पिछले 100 साल के दौरान एक दिन में दिल्ली के लिए छोड़ी गयी पानी की यह सर्वाधिक मात्रा है.
उत्तर प्रदेश में बारिश के कारण जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो गयी जहां अनेक जिलों में बाढ़ के हालात हैं. बारिश और राज्य की अधिकांश नदियों में बाढ़ के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है.
जहां पांच लोगों की मौत बरेली में हुई, वहीं उन्नाव में चार लोग मारे गये जबकि फैजाबाद, बदायूं, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत में दो-दो लोग बारिशजनित दुर्घटनाओं की चपेट में आ गये.
बाढ़ का पानी बरेली और मुरादाबाद मंडल के 200 गांवों में भरा हुआ है क्योंकि इलाके में लगातार बारिश हो रही है जबकि बेहगुल, कालागढ़, नरौरा, नंद सागर और धौरा बांध से रामगंगा और कोसी नदी में पानी छोड़ा गया है.
इलाके में बारिश के कारण जल जमाव को देखते हुए सात ट्रेनों को रद कर दिया गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण बरेली से बिजनौर और उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य के लिए भेजे गये भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर उतर नहीं पाये. नरौरा बांध के कारण पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बदायूं जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रही है.
कन्नौज, कानपुर, और रायबरेली में गंगा का पानी खतरे के निशान को लगभग छू रहा है जबकि इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में नदी का स्तर बढ़ रहा है.
रामगंगा नदी मुरादाबाद में खतरे के निशान से उपर बह रही है और बरेली तथा शाहजहांपुर में इसका स्तर बढ़ रहा है.
मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है और इलाहाबाद तथा चिल्लाघाट में इसका स्तर बढ़ रहा है. घाघरा का जल स्तर बाराबंकी, अयोध्या और बलिया में खतरे के निशान को पार कर गया है.
दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है क्योंकि हरियाणा ने यमुना नदी में 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है जो पिछले 60 वर्षों में एक दिन में छोड़ी जाने वाली सर्वाधिक मात्रा है और इसके कारण राष्ट्रीय राजधानी में नदी खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रही है.