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दिल्ली में यमुना का पानी घटा, लेकिन खतरा बरकरार

यमुना के उफान से दिल्ली के लोग सहमे हुए हैं. खतरे के निशान से ऊपर बहती यमुना का पानी राजधानी के निचले इलाकों में भर चुका है. बाढ़ और ना फ़ैले इसके लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन अब सबसे बड़ा ख़तरा है क्‍योंक‍ि 2 लाख क्यूसेक पानी जो हथिनी कुंड से आ रहा है.

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यमुना के उफान से दिल्ली के लोग सहमे हुए हैं. खतरे के निशान से ऊपर बहती यमुना का पानी राजधानी के निचले इलाकों में भर चुका है. बाढ़ और ना फ़ैले इसके लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन अब सबसे बड़ा ख़तरा है क्‍योंक‍ि 2 लाख क्यूसेक पानी जो हथिनी कुंड से आ रहा है.

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यमुना का जलस्तर अभी 205.80 मीटर के आसपास बना हुआ है जो कल शाम 205.95 मीटर तक चला गया था. हालांकि जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई है लेकिन कल शाम से लेकर देर रात तक हथिनी कुंड से छोड़ा गया करीब आठ लाख क्यूसेक पानी अगले 24 घंटों में दिल्ली पहुंच कर आफत खड़ी कर सकता है.

इस बीच एहतियात के तौर पर यमुना में गिरने वाले राजधानी के सभी सीवर आउटलेट को बंद कर दिया गया है ताकि यमुना का पानी शहर में ना घुस सके लेकिन इससे शहर में भारी बारिश के बाद जलभराव की भीषण समस्या भी खड़ी हो गई है.

दिल्ली के ओल्ड यमुना ब्रिज को भी बंद कर दिया गया जिसकी वजह से कई रेलगाड़ियों के रुट को बदलना पड़ा है. पानी राजधानी दिल्ली के कुछ निचले इलाकों में भी घुस गया है.

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इस दौरान करीब 1200 लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से कैंपों में ठहराया गया है. सरकार कई तरह के इंतजामों के दावे कर रही है लेकिन कुदरत के इस कहर से दिल्ली की जनता सहमी हुई है.

हालांकि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लोगों से यमुना के बढ़ते जलस्तर से ना डरने की अपील की है.

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