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मोदी सरकार पर यशवंत सिन्‍हा ने फिर किया वार, बोले-चुनाव जीतने से सब कुछ माफ नहीं हो जाता

आजतक से खास बातचीत में सिन्‍हा ने कहा कि बीजेपी में कई नेता उनके जैसा सोचते हैं, लेकिन वे डरे हुए हैं.

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यशवंत सिन्‍हा
यशवंत सिन्‍हा

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पूर्व वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा ने केंद्र सरकार पर फिर जमकर हमला बोला है. आजतक से खास बातचीत में सिन्‍हा ने इस पर सफाई दी कि उन्‍होंने सरकार की आलोचना करने वाला लेख क्‍यों लिखा और उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में कई नेता ऐसा सोचते हैं, लेकिन वे डरे हुए हैं.

हम 1947 से बना रहे न्‍यू इंडिया

न्‍यू इंडिया के सवाल पर यशवंत सिन्‍हा ने कहा कि हम सब तो 1947 से ही न्‍यू इंडिया बना रहे हैं. कांग्रेस, बीजेपी सभी अपने-अपने मुताबिक देश को न्‍यू इंडिया बनाने के लिए काम करते रहे हैं. सबका अपना तरीका है.

जरूरी नहीं कि बाप-बेटे की सोच एक हो

अपने बेटे के अलग राय पेश करने पर सिन्‍हा ने कहा कि कोई जरूरी नहीं कि बाप जैसा सोचता है, वैसा बेटा भी सोचे. सबकी अपनी राय होती है. पिता-पुत्र में पारिवारिक रिश्‍ता है, लेकिन सार्वजनिक जीवन में हम अपना-अपना काम करेंगे. पत्‍नी बोलती है कि मत करो ये सब. जब से बेटे राजनीति में आए हैं, हम उनसे सरकार के बारे में कोई बातचीत नहीं करते.

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डरे हुए हैं कई नेता, खुलकर नहीं बोल पा रहे

उन्‍होंने कहा कि पार्टी में कई नेता हैं जो गलत नीतियों के खिलाफ बोलना चाह रहे हैं. वे व्‍यक्‍तिगत बातचीत में बोलते भी हैं, लेकिन वे बोल नहीं सकते, वे डरे हुए हैं. वे खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे. वाजपेयी और मोदी सरकार की कार्यप्रणाली में क्‍या अंतर है, इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि इसके बारे नहीं बता सकते, क्‍योंकि वे सरकार में शामिल नहीं हैं.

वित्‍त मंत्री के पास नहीं है समय

सिन्‍हा ने कहा कि वित्‍त मंत्री पर बहुत जिम्‍मदारियां हाेती हैं, लेकिन सच तो यह है कि वे वित्‍त मंत्रालय को समय नहीं दे पा रहे. हमने कहीं नहीं कहा कि वित्‍त मंत्री को हटाया जाए, अगर वे 40 महीने से वित्‍त मंत्री हैं और अर्थव्‍यवस्‍था की समस्‍याओं का समाधान नहीं हो पाया है, तो इसका मतलब यही है कि वे समय नहीं दे पा रहे.

देश के मसले पर खामोश नहीं रहा जा सकता

क्‍या वे इसलिए बोल रहे हैं कि उन्‍हें सरकार में महत्‍व नहीं मिला, इस सवाल पर सिन्‍हा ने कहा, 'मैंने खुद तय किया था कि चुनाव नहीं लड़ूंगा. मैं चुनावी राजनीति से अपने को अलग करना चाहता था. मैंने पार्टी की राजनीति नहीं की, पठन-पाठन करता रहा, लेकिन देश के मसले पर कोई खामोश नहीं रह सकता.'

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चुनाव जीतने से सब कुछ माफ नहीं हो जाता

सिन्‍हा ने कहा कि अगर कोई चुनाव जीत जाता है तो उसकी सारी बातें माफ नहीं हो जातीं. चुनाव जीतना एक बात है, देश का भला करना दूसरी बात. चुनाव जीतने की दलील तो लालू भी देते थे.

देश को चला नहीं पा रहे मोदी!

यशवंत सिन्‍हा ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि पीएम मोदी देश को चला नहीं पा रहे, लेकिन समस्‍याएं अगर हैं तो उस पर सवाल उठाना ही होगा. प्रधानमत्री की सोच क्‍या है यह प्रधानमंत्री जी बताएंगे. गुजरात सरकार ने जीएसटी का विरोध किया था. आज वे लोग कह रहे हैं कि जीएसटी 1947 के बाद सबसे बड़ा सुधार है. वे आधार को अब कितनी मजबूती से लागू कर रहे हैं.

सोशल मीडिया से ली प्रेरणा

अपने आलेख में गरीबी बढ़ाने वाले सरकार के तंज पर उन्‍होंने इस बात पर उन्‍होंने स्‍वीकार किया कि यह उन्‍होंने सोशल मीडिया से उठाया है.

राजनीति में वापस आने का इरादा नहीं  

मोदी सरकार अगर डीरेल हो रही है और आप आवाज उठाते हैं तो आपके अतीत पर सवाल उठाया जाता है, इस पर यशवंत सिन्‍हा ने कहा कि मैं आज टेस्‍ट पर नहीं हूं. मेरे ऊपर देश ने जजमेंट दे दिया है. अब मेरी मुख्‍यधारा की राजनीति में आने की कोई इच्‍छा नहीं है. अगर राजनीति से संन्‍यास ले लेता हूं तो भी देश के मसले पर बोलूंगा.

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2019 में मोदी सरकार के लिए जीत का मंत्र

2019 में मोदी सरकार आएगी या नहीं इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि अगर मेरी सलाह पर अमल करते हुए सुधार लाने का प्रयास किया जाता है तो समस्‍याएं दूर हो सकती हैं. अर्थव्‍यवस्‍था जब सुधरेगी तभी रोजगार पैदा होगा. रोजगार पैदा होने के बाद ही लोगों का विश्‍वास अर्जित किया जा सकता है.

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