केंद्र की सत्ता में अपने चार साल पूरी कर चुकी नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों घिरी हुई है. अर्थव्यवस्था, नौकरी, किसानों की समस्या, दलित मुद्दा और अब महिला सुरक्षा को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है. इस बीच बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने भी अपनी ही पार्टी की सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है. यशवंत सिन्हा ने लिखा है कि चार साल पूरे कर चुकी सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में यशवंत सिन्हा ने लेख लिखा है. यशवंत ने लिखा है कि 2014 के चुनाव में जीत के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेहनत की थी. कार्यकर्ताओं की मेहनत के दमपर ही हमने इतनी बड़ी जीत हासिल की, पूरी पार्टी ने नरेंद्र मोदी को समर्थन किया था. सरकार अब चार साल पूरे कर चुकी है और पांच बजट पेश कर चुकी है. लेकिन ऐसा लगता है कि हम लोगों का विश्वास खो चुके हैं.
यशवंत सिन्हा ने लिखा कि सरकार लगातार दावा करती है भारत दुनिया की सबसे तेज विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है. लेकिन ऐसे देश में बैंक नॉन परफॉर्मर रहे हैं, किसान दुखी है, युवाओं के पास नौकरी नहीं है, छोटे कारोबार ठप हो चुके हैं. और इससे भी बुरा ये है कि पिछले चार साल में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ा ही है.
सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि महिलाएं आज सुरक्षित नहीं हैं, लगातार रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं. कुछ मामलों में हमारे अपने ही लोग शामिल रहे हैं. आज दलित और आदिवासी काफी परेशान हैं.
यशवंत सिन्हा ने सरकार की विदेश नीति पर भी हमला बोला. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री लगातार विदेश घूमते हैं, उनकी अन्य नेताओं के साथ गले मिलते हुए भी तस्वीरें सामने आती हैं लेकिन कुछ बदला नहीं है. आज भी पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते नहीं सुधरे हैं. चीन भी अब भारत पर अपनी दादागिरी दिखा रहा है.
सिन्हा ने अपने लेख में लिखा कि पार्टी के अंदर में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है. कई सांसद इस बात की शिकायत करते हैं कि उनकी आवाज़ को सुना नहीं जाता है और बैठकों के अंदर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी कार्यालय पूरी तरह से कॉर्पोरेट ऑफिस हो गया है.
इसके अलावा यशवंत सिन्हा ने संसद की कार्यवाही का लगातार ठप होना, बजट सेशन का बेकार चले जाना, सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है.
यशवंत सिन्हा ने लिखा कि ऐसा लगता है कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना रह गया है. मुझे नहीं पता है कि अगले लोकसभा चुनावों में किसको दोबारा टिकट मिलेगा, लेकिन मैं कह सकता हूं कि काफी लोगों को टिकट नहीं मिलने वाला है. हमें ये याद रखना चाहिए कि पिछले चुनाव में पार्टी को सिर्फ 31 फीसदी वोट मिला था, यानी 61 फीसदी खिलाफ गया था. अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है तो पार्टी का पता भी नहीं लगेगा.
उन्होंने लिखा कि अब समय आ गया है कि हमें इन मुद्दों को लेकर बोलना चाहिए. हाल में कुछ दलित सांसदों ने अपनी आवाज़ को उठाया था. यशवंत ने लिखा कि इस सरकार की कुछ सफलताएं भी रही हैं लेकिन ज्यादा विफलताएं ही रही हैं.