scorecardresearch
 

EXCLUSIVE: दुलत के दावों के खिलाफ बचाव में उतरे यशवंत सिन्हा, बोले- कंधार पर लिया गया सही फैसला

पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत के कंधार विमान अपहरण पर हुए खुलासे पर बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने तत्कालीन सरकार का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि विमान में बैठे यात्रियों की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता थी और इसके मद्देनजर सरकार ने सभी दलों की राय लेते हुए सही फैसला किया.

Advertisement
X
Yashwant Sinha
Yashwant Sinha

पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत के कंधार विमान अपहरण पर हुए खुलासे पर बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने तत्कालीन सरकार का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि विमान में बैठे यात्रियों की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता थी और इसके मद्देनजर सरकार ने सभी दलों की राय लेते हुए सही फैसला किया.

Advertisement

यशवंत सिन्हा ने कहा, 'दुलत साहब जो कह रहे हैं, वह कह रहे हैं. मैं किसी तरह के विरोधाभास में नहीं पड़ना चाहता लेकिन उनके खुलासों से कुछ संदेह की स्थिति बनी है. उस वक्त की सरकार सिर्फ लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थी. अगर प्लेन को अमृतसर में ही रोकने की कोशिश की जाती तो वे इसे उड़ा सकते थे. हमारा मकसद लोगों की जान बचाना था.'

उन्होंने कहा, '15 साल बाद बुद्धिमत्ता दिखाना बहुत आसान है लेकिन उस वक्त यह फैसला लेने के सिवा कोई विकल्प नहीं था.'

उधर हाल ही में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए एमजे अकबर ने कहा कि कंधार मामले में कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है और उस वक्त राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर फैसला लिया गया था. उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या उन 400 भारतीयों को मरने देना चाहिए था?'

Advertisement

'वाजपेयी ने गुजरात दंगे को एक ‘गलती’ बताया था'
रॉ के पूर्व मुखिया एएस दुलत ने 'इंडिया टुडे टेलीविजन' से खास बातचीत में गुजरात दंगों और कंधार हाइजेक पर कई बड़े खुलासे किए हैं. दुलत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी और इसे एक ‘गलती’ करार दिया था. दुलत ने कहा कि यह बात वाजपेयी के साथ एक बैठक के समय की है. उन्होंने वाजपेयी के साथ अपनी आखिरी बैठक का जिक्र किया. उनके मुताबिक उस बैठक में वाजपेयी ने गुजरात दंगों के संदर्भ में कहा कि वो हमारे से गलती हुई है. दुलत साल 2000 तक रॉ के प्रमुख रहे और बाद में वाजपेयी के समय प्रधानमंत्री कार्यालय में कश्मीर मुद्दे पर विशेष सलाहकार थे.

साफिया थी आतंकियों के निशाने पर
करण थापर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कश्मीर से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत की. दुलत के अनुसार मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद 1989 में आतंकवादियों के निशाने पर नहीं थी, बल्कि अब्दुल्ला की बेटी सफिया आतंकवादियों के निशाने पर थी.

कंधार अपहरण के समय फारुख रॉ प्रमुख पर चीखे थे
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण की घटना के समय यात्रियों को मुक्त कराने के बदले तीन खूंखार आतंकवादियों को छोड़ने का फैसला होने के बाद एक बैठक में तत्कालीन रॉ प्रमुख ए एस दुलत पर चीख पड़े थे. दुलत ने इस वाकये को याद करते हुए कहा कि फारुख को लगा कि केंद्र सरकार का फैसला एक ‘गलती’ है और वह इस्तीफे के इरादे से राज्यपाल गिरीश चंदर सक्सेना के साथ बैठक के लिए पहुंचे थे, हालांकि राज्यपाल ने उन्हें शांत कराया.

Advertisement

हाइजैक में CMG से हुई गलती
दुलत ने बताया, 'जब 24 दिसंबर को विमान का अपहरण हुआ तो आपदा प्रबंधन समूह (CMG) की ओर से उस वक्त गड़बड़ी हुई जब विमान को अमृतसर उतरने पर नहीं रोका गया. उन्होंने कहा, ‘कोई फैसला नहीं लेना चाह रहा था और इस असमंजस में पंजाब पुलिस के पास कोई दिशानिर्देश नहीं पहुंचाया गया. वे बहस करते रहे और विमान उड़ गया.’

पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि सीएमजी ने 155 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मुक्त करने की एवज में तीन आतंकवादियों को छोड़ने पर सहमति दी और फिर आठ दिनों के अपहरण संकट का अंत हुआ. जिन तीन आतंकवादियों को छोड़ा गया उनमें से दो मुश्ताक लतराम और मौलाना मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर की जेल में बंद हैं.

Advertisement
Advertisement