बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवारों को चुने जाने में अलग-अलग मानदंड अपनाए जाने की आलोचना की और मार्गदर्शक मंडल की अवधारणा का उपहास किया जिसमें बुजुर्ग नेताओं को शामिल किया गया है.
पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी के विमोचन के मौके पर मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी के साथ मंच साझा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न मानकों का हवाला दिया. आडवाणी की मुस्कुराहट के बीच सिन्हा ने मार्गदर्शक मंडल का भी व्यंग्यपूर्वक हवाला देते हुए कहा कि यह एक 'चुनिंदा क्लब' है जिसके वह सदस्य नहीं हैं और इसकी कभी बैठक नहीं हुई.
मैं नहीं हुआ निष्क्रिय: यशवंत सिन्हा
एक बार फिर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, 'उनके जैसे लोग जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा हो गयी, वे ‘ब्रेन डेड’ (निष्क्रिय) हैं और मैं लगातार यह जताने की कोशिश कर रहा हूं कि मैं निष्क्रिय नहीं हूं.' परोक्ष रूप से वह वह 75 साल से अधिक के सदस्य को मंत्री नहीं बनाने के फैसले का हवाला दे रहे थे.
आडवाणी ने मांगी शत्रुघ्न से माफी
आडवाणी ने शत्रुघ्न सिन्हा को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजने पर माफी मांगी. आडवाणी ने कहा, 'ऐसी धारणा है कि जो लोकप्रिय है और जो लोकसभा जीत सकता है अमूमन उन्हें राज्यसभा टिकट नहीं दी जाती. इसलिए यह हर किसी पर लागू होता है.' आडवाणी के दृष्टिकोण पर यशवंत ने कहा कि पार्टी में लोगों ने चर्चा की कि इस तरह का नियम उन पर (शत्रुघ्न) लागू होता है लेकिन दूसरों पर नहीं.