गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जब से उत्तराखंड आपदा के बाद हवाई सर्वे करके आए हैं तब से विपक्ष उन पर लगातार निशाना साधते नजर आई है. लेकिन इस बार मोदी पर उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने शब्दबाण चलाए हैं.
उत्तराखंड की आपदा में फंसे लोगों में से केवल गुजरात के लोगों को बचाने संबंधी खबरों पर अप्रत्यक्ष रूप से मोदी को आड़े हाथ लेते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि किसी भी नेता को पीड़ित लोगों को बचाते समय संकीर्ण दायरा नहीं रखना चाहिए.
सिन्हा ने बातचीत के दौरान देहरादून हवाईअड्डे पर कांग्रेस और तेदेपा के नेताओं के बीच कहासुनी की घटना का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि क्या हमें इस तरह की संकीर्णता दिखानी चाहिए कि आंध्र प्रदेश के सांसद केवल अपने प्रदेश के लोगों को बचा रहे हैं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उत्तराखंड से मोदी द्वारा 15,000 गुजरातियों को सुरक्षित निकाले जाने की खबरों का जिक्र कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैं सभी की बात कर रहा हूं. अगर कोई राष्ट्रीय नेता है तो उसे देश के सभी हिस्सों की चिंता करनी चाहिए.’ सिन्हा ने कहा कि वह झारखंड से सांसद हैं, इसका यह मतलब नहीं कि वह दूसरे राज्यों के लोगों की अनदेखी करेंगे.
हालांकि बाद में सिन्हा ने उत्तराखंड जाने के मोदी के फैसले का बचाव किया. लेकिन गुजरातियों को ही बचाने के मोदी के कदम के पक्ष में उन्होंने कोई दलील नहीं दी.
सिन्हा ने कहा, ‘अगर कांग्रेस के प्रवक्ता को लगता है कि नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड जाना खराब था तो राहुल गांधी ने वहां जाकर इसे और बदतर क्यों किया. मैंने खबरें पढ़ी हैं कि राहुल की यात्रा के कारण अर्धसैनिक बल के एक पूरे शिविर को हटा दिया गया.’
केदारनाथ मंदिर में पुनर्निर्माण कार्य के मुद्दे पर भी सिन्हा ने मोदी के बयान से इत्तेफाक नहीं जताया. गुजरात के मुख्यमंत्री ने मंदिर में पुनर्निर्माण कार्य की पेशकश की थी. सिन्हा ने कहा कि मंदिर हिंदू आस्था का प्रतीक है.
उन्होंने कहा, ‘हिंदू समुदाय और उसमें आस्था रखने वालों को मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण करना चाहिए.’ सिन्हा ने देहरादून के जॉली ग्रांट हवाईअड्डे पर झगड़े के मामले में कांग्रेस और तेदेपा सांसदों की आलोचना की.
उन्होंने कहा, ‘सांसद के तौर पर मुझे लगता है कि इससे पूरा राजनीतिक वर्ग बदनाम हुआ. एक या दो नेता ऐसा करते हैं और पूरे राजनीतिक महकमे को झेलना पड़ता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’
सिन्हा ने कहा कि उन्हें लगता है कि उत्तराखंड सरकार को स्वयं को बचाव अभियान में शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि आईटीबीपी और वायु सेना के लोग बहुत पेशेवर तरीके से इसे कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र को अब स्थानीय लोगों की मदद के लिए सक्रिय हो जाना चाहिए जो अपने घर खो चुके हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि सांसदों, एनजीओ और अन्य सभी को इस काम में योगदान देना चाहिए. उन्होंने उत्तराखंड की आपदा को राजनीतिक रंग दिये जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि किसी नेता या राजनीतिक दल को ऐसा नहीं करना चाहिए.