इंडियन मुजाहिदीन के गिरफ्तार सह संस्थापक यासीन भटकल ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसे इस साल फरवरी में हैदराबाद में बम धमाके करने के लिए अपने पाकिस्तानी आकाओं से निर्देश मिले थे. पूछताछ से जु़ड़े अधिकारियों ने आज दावा किया कि 30 वर्षीय यासीन उर्फ सैयद मोहम्मद अहमद जरार सिद्दिबापा ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया कि उसने एक व्यक्ति को हैदराबाद के समीप साइबराबाद के नजदीक दिलसुखनगर के कई स्थानों पर लगाने के लिए विस्फोटक सामग्री दी थी.
अधिकारियों के मुताबिक आधुनिक आतंकवाद के चेहरा समझे जाने वाले यासीन ने पूछताछ के दौरान खुफिया ब्यूरो (आईबी) के दल से कहा कि उसे पाकिस्तानी आकाओं से साइबराबाद को निशाना बनाने का निर्देश मिले थे ताकि विदेश कंपनियां भारत में अपना कारोबार फैलाने से हाथ खींच लें.
इस साल 27 फरवरी को दिलसुखनगर में दो बम धमाके हुए थे जिससे 17 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे.
अधिकारियों के अनुसार पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट के बारे में यासीन ने बताया कि उसने एक दुकान में बम लगाया था जहां ढेर सारे लोग पहुंचते थे. वहां बम लगाने का कारण अधिकतम नुकसान पहुंचाना था. इसलिए गैस सिलेंडरों के पास विस्फोटक सामग्री रखी गयी थी. पुणे में 13 फरवरी, 2010 को जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके में चार विदेशियों समेत 17 लोग मारे गए थे.
इस साल 18 अप्रैल को पुणे की एक अदालत ने जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में आईएम आतंकवादी हिमायत बेग को मृत्युदंड सुनाया था. उसके वकील ए रहमान ने कहा था कि वे इस फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वे उसके खिलाफ बंबई हाई कोर्ट में अपील करेंगे. अधिकारियों के अनुसार यासीन ने अपने चचेरे भाई इकबाल और रियाज भटकल के बारे में भी बताया और कहा कि दोंनों भारत नहीं आ रहे. उसने बताया कि इकबाल इस साल नेपाल आया था और वह सेटेलाइट फोन से पाकिस्तान में अपने आकाओं से बातचीत करता था.
चालीस मामलों में वांछित यासीन को गत 28 अगस्त को भारत नेपाल सीमा पर रक्सौल में गिरफ्तार किया गया था. उस पर 35 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
यासीन ने यहां लाए जाने से पहले पूछताछ के दौरान बिहार पुलिस को बताया था कि वह और उसका साथी असादुल्ला अख्तर उर्फ हद्दी बेरोक टोक वाली भारत नेपाल सीमा का लाभ उठाता था. बिहार में भारत नेपाल सीमा 110 किलोमीटर लंबी है.
यासीन और अख्तर ने पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल सब डिवीजन के नाहर चौक से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद यासीन और अख्तर ने पुलिस को बताया था कि वे बिना किसी मुश्किल के दोनों देशों के बीच आते जाते थे. स्थानीय पुलिस ने बताया कि कोई भी व्यक्ति बिहार के रक्सौल से रिक्शा से महज 35 रुपये में नेपाल के वीरगंज जा सकता है.
हर महीने जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक होती थी लेकिन उनमें मुख्यत: अतिक्रमण एवं सीमा के पिलरों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती थी. सीमा की रखवाली की जिम्मेदारी संभाल रहे सशस्त्र सीमा बल की 13 वीं बटालिय के कमांडर विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा, ‘खुली सीमा से लोगों की आवाजाही वाकई समस्या खड़ी कर रही है.’