26/11 के मास्टर माइंड आतंकी हाफ़िज़ सईद के साथ जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की तस्वीरें सामने आने से देश की सियासत में भूचाल आ गया है. खबरों के मुताबिक सरकार कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक का पासपोर्ट रद्द करने पर विचार कर रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैं इस मामले में गौर करूंगा’. कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने इस मामले पर केंद्र सरकार से गौर करने के लिए कहा है. जबकि सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
गौरतलब है कि यासीन मलिक जब इस्लामाबाद में अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे तो मुंबई हमले का सरगना हाफिज सईद भी वहां मौजूद था. इस तस्वीर के सामने आने के बाद यासीन मलिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है. बीजेपी ने कहा है कि अफज़ल को देर से फांसी देकर यूपीए सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन ये आतंकवाद पर उसकी ढ़ुलमुल नीति का नतीजा है कि देश में रहने वाला एक शख्स, देश के दुश्मन के साथ मंच साझा कर रहा है.
माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियां जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक के स्वदेश लौटते ही उनसे भारत के सबसे वांछित आतंकवादी के साथ इतनी करीबी की वजह की पड़ताल करेंगी.
यह कोई पहला अवसर नहीं है, जब कश्मीरी नेताओं ने सईद के साथ मुलाकात की हो. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में मीरवाइज उमर फारुख के नेतृत्व में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी पाकिस्तानी यात्रा के दौरान हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सईद सलाहुद्दीन से मिला था.