कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा 15 जनवरी तक भाजपा की सरकार नहीं गिराएंगे. येदियुरप्पा शुक्रवार को पूर्व के अपने फैसले से पलट गए. उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को गिराने की अपनी योजना 15 जनवरी तक के लिए टाल दी.
अपनी नवगठित कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) की कार्यसमिति की पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा, 'हम 15 जनवरी को अंतिम निर्णय लेंगे क्योंकि वह शुभ दिन है.' वह राज्य में भाजपा के प्रथम मुख्यमंत्री रहे हैं. रिश्वत लेकर खनन पट्टा आवंटित करने आरोप लगने पर जुलाई 2011 में उन्होंने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था.
पिछले वर्ष 30 नवंबर को उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी और नौ दिसंबर को केजेपी का गठन कर वह इसके अध्यक्ष बने. ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी को सूर्य 'उत्तरायण' हो जाएगा, इसलिए इस दिन को शुभ माना गया है. येदियुरप्पा ने हालांकि संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को फरवरी में राज्य का बजट पेश करने से रोकने का संकल्प ले चुके हैं.
विधानसभा चुनाव इसी वर्ष मई में होना है. उन्होंने कहा, 'मैं और कार्यसमिति के प्रत्येक सदस्य शेट्टार द्वारा बजट पेश किए जाने के खिलाफ हैं, क्योंकि मौजूदा सरकार बहुमत खो चुकी है.' येदियुरप्पा ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि शेट्टार बजट पेश करने में सक्षम होंगे.'
केजेपी अध्यक्ष का दावा है कि शेट्टार 118 विधायकों के दम पर सरकार चला रहे हैं, जिनमें से 15 भाजपा विधायक येदियुरप्पा समर्थक हैं और ये विधायक शुक्रवार को केजेपी कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए थे, इसलिए राज्य की भाजपा सरकार के पास अब बहुमत नहीं रहा.