पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में लड़ने के लिए भूमिगत उग्रवादी समूहों को प्रशिक्षित किया. भारत में उग्रवाद फैलाने के बारे में पाकिस्तान के किसी सर्वोच्च नेता की यह पहली स्वीकारोक्ति है.
मुशर्रफ का यह बयान लंदन से सक्रिय राजनीति में लौटने की उनकी घोषणा के कुछ दिन बाद आया है. पूर्व राष्ट्रपति आत्मनिर्वासन में लंदन में रह रहे हैं. सैन्य शासक ने जर्मन पत्रिका डेर स्पीजेल को दिए एक साक्षात्कार में कहा ‘उन्हें (कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने के लिए भूमिगत उग्रवादी समूहों को) बहरहाल तैयार किया गया.’
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने के लिए उग्रवादियों को प्रशिक्षण क्यों दिया, पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि नवाज शरीफ की कश्मीर मुद्दे के प्रति असंवेदनशीलता एक कारण थी और दुनिया ने भी इस विवाद से आंखें फेर ली थीं. मुशर्रफ ने दावा किया ‘हां, अपने हितों को आगे बढ़ाने का अधिकार हर देश को है. जब भारत संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा करने के लिए और इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए तैयार नहीं है.’ {mospagebreak}
उन्होंने कहा ‘नवाज शरीफ सरकार ने इसलिए आंखें मूंद रखी थीं क्योंकि वह चाहते थे कि भारत कश्मीर पर चर्चा करे.’ मुशर्रफ ने संकेत दिया कि उन्हें कारगिल घुसपैठ पर कोई अफसोस नहीं है. इस घुसपैठ के बाद 1999 में भारत पाक युद्ध हुआ था. उन्होंने दलील दी कि हर देश को अपने हितों को आगे बढ़ाने का अधिकार है. मुशर्रफ ने कश्मीर मुद्दे की लगातार उपेक्षा करने और विभिन्न आरोपों के चलते पाकिस्तान को अकेला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खास कर पश्चिम के प्रति नाराजगी जाहिर की.
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक ने कहा, ‘पश्चिम कश्मीर मुद्दे के समाधान की लगातार उपेक्षा कर रहा है जबकि यह पाकिस्तान में प्रमुख मुद्दा है. हमें कश्मीर मुद्दे के हल के लिए पश्चिम से, खास कर अमेरिका और जर्मनी जैसे महत्वपूर्ण देशों से उम्मीद थी. क्या जर्मनी ने ऐसा किया...’’ मुशर्रफ ने लंदन में अपनी नयी पार्टी ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ की शुरूआत की और 2013 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया. {mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘पश्चिम हर बात का दोष पाकिस्तान पर मढ़ता है. भारतीय प्रधानमंत्री से कोई नहीं पूछता कि आपने अपने देश में परमाणु हथियार क्यों बनाए. क्यों आप कश्मीर में बेकसूर लोगों को मार रहे हैं. 1971 में बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन के कारण पाकिस्तान का विभाजन हुआ और कोई व्यथित नहीं हुआ. अमेरिका और जर्मनी ने बयान दे दिया कि उनका कोई सरोकार नहीं है.’
वर्ष 1999 में एक रक्तरहित क्रांति में शरीफ सरकार को बेदखल करने वाले मुशर्रफ कारगिल युद्ध के दौरान भी सेना प्रमुख थे और भारत तथा पाकिस्तान के बीच युद्ध तेज करने की धमकी दी थी. मुशर्रफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भारत के साथ रणनीतिक समझौते करने तथा पाकिस्तान के साथ एक चालाक देश जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा ‘भारत के साथ रणनीतिक समझौतों में हर किसी की दिलचस्पी है लेकिन पाकिस्तान को हमेशा एक चालाक देश के तौर पर देखा जाता है.’ मुशर्रफ ने यह भी कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी भूल अफगानिस्तान में जीत के बिना ही वहां से सेना वापस बुलाना है. उन्होंने कहा ‘यही वजह है कि न केवल पाकिस्तान, भारत और कश्मीर में उग्रवाद फैला बल्कि यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका भी इससे नहीं बच पाए. ऐसा मेरा मानना है.