scorecardresearch
 

योग में है करोड़ों का कारोबार, देश बन सकता है योग टूरिज्म हब

योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने की कोशिशों और लोगों में बेहतर स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता को देखते हुए अगले कुछ सालों में देश में योग ट्रेनर्स की मांग 30 से 35 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. इंडस्ट्री एसोसिएशन एसोचैम ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है.

Advertisement
X
File Image: विदेशियों को योग ट्रेनिंग देती ट्रेनर
File Image: विदेशियों को योग ट्रेनिंग देती ट्रेनर

योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने कोशिशों और लोगों में बेहतर स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता को देखते हुए अगले कुछ सालों में देश में योग ट्रेनर्स की मांग 30 से 35 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. इंडस्ट्री एसोसिएशन एसोचैम ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है.

Advertisement

एसोचैम ने कहा है कि "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस " जैसी पहल से वैश्विक स्तर पर योग पर फोकस बढ़ा है. दूसरी तरफ, कॉर्पोरेट जीवनशैली के कारण बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए भी लोग योग का सहारा ले रहे हैं जिससे इसके प्रशिक्षकों की मांग बढ़ने की संभावना है.

देश को बना सकते हैं योग पर्यटन केन्द्र
उसने कहा कि देश में दुनिया का योग पर्यटन केंद्र बढ़ने की पूरी संभावना है और इससे जुड़े स्वास्थ्य केंद्रों, आयुर्वेद रिजॉर्टों, हॉलीडे कैंप तथा कॉर्पोरेट प्रशिक्षण का करोड़ों डॉलर का बाजार तैयार किया जा सकता है. योग टूरिज्म की वजह से आने वाले दिनों में देश में हेल्थ क्लिनिक्स, आयुर्वेद रिजॉर्ट्स, हॉलिडे कैंप्स, कॉर्पोरेट ट्रेनिंग आदि के रूप में करोंड़ों का कारोबार शुरू होगा.

दक्षिण भारत में योग करने में सबसे आगे
एसोचैम के सर्वेक्षण में पता चला है कि दक्षिण भारत में 30 से 70 साल की आयु वर्ग के 15 फीसदी लोग योग करते हैं और इस मामले में दूसरे क्षेत्रों के लोगों से आगे हैं. इसके बाद क्रमश: पश्चिमी क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र तथा उत्तरी क्षेत्र का स्थान है.

Advertisement

कॉरपोरेट वर्कर्स में बढ़ रहा है तनाव
इसके अनुसार, कॉर्पोरेट कंपनियों के कर्मचारियों में तनाव की समस्या बढ़ रही है. दुनिया भर में 35 करोड़ लोग अवसाद के शिकार हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह विकलांगता का एक बड़ा कारण है. साथ तनाव और मानसिक बीमारी के कारण कर्मचारियों की काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है. बदलती जीवन शैली के कारण मोटापा, मधुमेह तथा दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं.

योग सीखने वालों की संख्या में 30 से 40 फीसदी वृद्धि
शोध पत्र में कहा गया है कि योग सीखने वालों की मांग में 30 से 40 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी हो रही है. वर्ष 2001 में देश में योगाभ्यास करने वालों की संख्या 63 लाख थी जो 2013 में बढ़कर एक करोड़ 43 लाख पर पहुंच गई.

योग ट्रेनिंग बन रहा है आकर्षक पेशा
दरअसल, सिलेब्रिटीज के बीच योग की बढ़ती लोकप्रियता योग शिक्षण को और अधिक आकर्षक पेशा बना रही है. योग की शिक्षा देने वाले इंस्टिट्यूट्स की नीतियों या शिक्षकों के अनुभव के आधार पर योग प्रशिक्षण के लिए 400 से 1,500 रुपये प्रति घंटे की दर से चार्ज किया जा रहा है.

Advertisement
Advertisement