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12 हजार फीट की ऊंचाई और शून्य से 5 डिग्री कम तापमान में योग

दुनिया के सबसे ऊंचे जंग के मैदान सियाचिन, पर तैनात जवानों ने भी अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

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दुनिया के सबसे ऊंचे जंग के मैदान सियाचिन, पर तैनात जवानों ने भी अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

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इस समय जबकि पूरी दुनिया में योग की धूम मची है. ऐसे में भारतीय सेना के जवान के जवान कैसे पीछे रह सकते हैं. अभी कुछ समय पहले ही पीएम मोदी सियाचिन बेस कैंप में सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाने गए थे इसलिए भी जवानों में योग को लेकर खासा जोश है.

सियाचिन बेस कैंप तक पहुंचने का रास्ता लेह से शुरू होता है. ये रास्ता आसान नहीं है. लेह से सियाचिन बेस कैंप का रास्ता 230 किलोमीटर लम्बा है जो कि दुनिया के सबसे ऊंचे सड़क मार्ग खारदुंगला से होकर गुजरता है.

सियाचिन का इलाका भारत के लिए सामरिक नजरिये से काफी अहम है. सियाचिन की 45 से ज्यादा ऊंची चोटियों पर भारतीय सेना का कब्जा है.

योग के लिए जमा हुए सभी जवानों ने सियाचिन की खास सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी. इस मौके पर योग अभ्यास कराने के लिए योग प्रशिक्षक भी मौजूद थे.

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योग अभ्यास में सूर्य नमस्कार को लेकर भले ही देश में हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति हो रही हो लेकिन सियाचिन में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई हर जवान ने बिना किसी विवाद के एक साथ योग अभ्यास किया.

दुनिया के सबसे ऊंचे और मुश्किल युद्ध क्षेत्र सियाचिन में ऑक्सीजन की भारी कमी है. बर्फीले और जानलेवा हालात के बीच यहाँ तैनात जवान दुश्मन की गोली से ज्यादा मौसम की मार झेलता है. ऐसे में योग अभ्यास इन जवानों के लिए काफी फायेदमंद है.

सियाचिन में मुश्किल हालात के बीच देश की सरहद की निगरानी कर रहे जवानों के लिए योग अभ्यास उनकी ड्यूटी का एक हिस्सा है और जब योग मिशन बन गया है तो जवानों ने दोगुने जोश के साथ सियाचिन में योग अभ्यास किया.

 

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