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ऑफिस में रहते हुए भी आसानी से कर सकते हैं ये योगासन

आपके साथ भी ऐसा होता है कि ऑफिस में बैठे-बैठे आपकी पीठ अकड़ जाती है और पूरे शरीर में दर्द होने लगता है. अगर आप भी आठ से दस घंटे ऑफिस की कुर्सी पर बैठकर बिताते हैं तो आपके लिए ये योगासन बहुत फायदेमंद रहेंगे. ये कुछ ऐसे आसन हैं जिन्हें आप अपनी सीट पर बैठे-बैठे कर सकते हैं. इसके लिए आपको बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं.

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ऑफिस में कर सकते हैं ये योगासन
ऑफिस में कर सकते हैं ये योगासन

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क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि ऑफिस में बैठे-बैठे आपकी पीठ अकड़ जाती है और पूरे शरीर में दर्द होने लगता है. अगर आप भी आठ से दस घंटे ऑफिस की कुर्सी पर बैठकर बिताते हैं तो आपके लिए ये योगासन बहुत फायदेमंद रहेंगे. ये कुछ ऐसे आसन हैं जिन्हें आप अपनी सीट पर बैठे-बैठे कर सकते हैं. इसके लिए आपको बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं.

1-ताड़ासन:

ताड़ासन करना बहुत ही आसान है. यह पूरे शरीर को लचीला बनाता है और शरीर को सख्त होने से रोकता है. यह एख ऐसा योगासन है जो मांसपेशियों को ही नहीं बल्कि सूक्ष्म मांसपेशियों को भी बहुत हद तक लचीला बनाता है.

सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. फिर अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर रखें और दोनों हाथों को सीधा कमर से सटाकर रखें. इस वक्त आपका शरीर स्थिर रहना चाहिए. यानी कि आपके दोनों पैरो पर शरीर का वजन सामान होना चाहिए. अब धीरे-धीरे हाथों को कंधों के समानान्तर लाएं. अब दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं. अब सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जब तक आपको कंधों और छाती में खिंचाव महसूस नहीं होने लगे. इसी वक्त पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और सावधानी से पंजों के बल खड़े हो जाएं. अब फिंगर लॉक लगाकर हाथों के पंजों को ऊपर की ओर मोड़ दें. इस वक्त आपकी गर्दन सीधी होनी चाहिए और हथेलियाँ आसमान की ओर होना चाहिए. ध्यान रखें कि आपकी पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बना रहे. कुछ देर इस स्थिति में रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं. धीरे धीरे एड़ियों को भी भूमि पर टिका दें और दोनों हाथों को भी नीचे लाते हुए कमर से सटाकर पहले वाली स्थिति याने की विश्राम मुद्रा में आ जाएं. इस आसन को नियमित कम से कम 10 बार करें. नीचे वीडियो देखकर समझें-

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2-उत्कट आसन:

दोनों पैरों को मिलाकर रखिए और सीधे खड़े रहें. पैरों की एड़ियाँ और उंगलियाँ भी मिलाकर रखें. दोनों घुटनों को मोड़ते हुए नीचे बैठिए और एड़ियों को उठा लीजिए ताकि पूरे शरीर का संतुलन दोनों पैरों की उंगलियों पर रहे. दोनों घुटनों को मिलाकर रखिए. रीढ़ को सीधा रखने का प्रयास करें. दोनों हाथों को बगल में ज़मीन से सटाकर रखें ताकि संतुलन बनाने में सुविधा हो. इसके बाद दोनों कोहनियों को जंघाओं पर रखिए और हाथों की उंगलियों को आपस में मिलाकर ठुड्डी के नीचे रखिए. सांस के प्रति सजग रहें और संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें. एक-दो मिनट तक इस स्थिति में रुकें और सामने किसी एक बिंदु पर एकाग्र करें. इसके बाद फिर से खड़े हो जाएं.

3-पश्चिमोतासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड)-

पश्चिम अर्थात पीछे का भाग- पीठ. पीठ में खिंचाव उत्पन्न होता है, इसीलिए इसे पश्चिमोत्तनासन कहते हैं. इस आसन से शरीर की सभी माँसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है. पशिच्मोत्तासन आसन को आवश्यक आसनों में से एक माना गया है. शीर्षासन के बाद इसी आसन का महत्वपूर्ण स्थान है. इस आसन से मेरूदंड लचीला बनता है.

4-गोमुखासन: हालांकि इस आसन को करने के लिए बैठना जरूरी होता है लेकिन इसे आप खड़े होकर भी कर सकते हैं. इसे करने के लिए अपने दायें हाथ को कंधे के ऊपर से होते हुए कोहनी से मोड़कर पीछे की तरफ ले जायें और बाएं हाथ को पीठ की तरफ से मोड़ते हुए पीछे की तरफ ले जाएं. फिर बाएं हाथ से दाहिने हाथ को पकड़ें. इस पोजीशन में कुछ देर बने रहें और फिर दूसरे हाथ से इस प्रक्रिया को दोहराएं. इसे करने से गर्दन और पीठ का तनाव दूर होता है.

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5-उत्तानासन: लगातार काफी देर तक कुर्सी पर एक ही पोजीशन में बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी और पीठ में दर्द होने लगता है. ऐसे में उत्तानासन करने से आपको तुरंत आराम मिलता है. इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, हाथों को ऊपर उठाएं और फिर आगे की तरफ झुकें. अपनी हथेलियों से फर्श को छूने की कोशिश करें और इसी पोजीशन में कुछ देर तक बने रहें.

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