विश्वविख्यात योग गुरुऔर अयंगर स्कूल ऑफ योग के संस्थापक बीकेएस अयंगर का बुधवार सुबह यहां निधन हो गया. 96 वर्षीय अयंगर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें एक सप्ताह पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दो दिन पहले उनकी हालत अधिक खराब होने पर उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था. उन्होंने आज तड़के सवा तीन बजे अंतिम सांस ली.
पद्मविभूषण से सम्मानित अयंगर के परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं. महान योग गुरु को श्वास लेने में गंभीर परेशानी के चलते 12 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका उपचार करने वाली डॉक्टर दीपाली मांडे ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, ‘वह करीब तीन सप्ताह से बीमार चल रहे थे लेकिन इसके बावजूद वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे. अयंगर को दिल की बीमारी भी थी. उनकी तबीयत लगातार खराब होती गयी और गुर्दे फेल होने के बाद उन्हें डायलिसिस पर रखा गया.’
डॉक्टर ने बताया, ‘अंतिम समय में वह अचेत जैसी अवस्था मैं थे. उन्होंने कहा, ‘उनकी कुछ खाने की भी इच्छा नहीं हो रही थी. अयंगर को विश्व के अग्रणी योग गुरुओं में से एक माना जाता है और उन्होंने योग के दर्शन पर कई किताबें भी लिखी थीं जिनमें लाइट आन योग, लाइट आन प्रणायाम और लाइट आन दी योग सूत्राज आफ पतंजलि शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयंगर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे योगाचार्य बीकेएस अयंगर के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है और मैं पूरी दुनिया में उनके अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘पीढ़ियां श्री बीकेएस अयंगर को एक सर्वश्रेष्ठ गुरु, विद्वान और निष्ठावान नेतृत्व के रूप में याद करेंगी जो पूरी दुनिया में बहुत से लोगों की जिंदगी में योग को लेकर आए. योग के प्रख्यात प्रतिपादक अयंगर ने प्राचीन पतंजलि सूत्र को प्रसारित किया. उन्हें योग को करीब 60 देशों में प्रचारित प्रसारित करने का श्रेय जाता है. वह योग का संदेश लेकर पूर्व से पश्चिम तक गए.’
अयंगर इंस्टीट्यूट ऑफ योग के जरिए अपने अंतिम दिनों तक सक्रिय रहे योगाचार्य के अनुयायियों की बड़ी संख्या है. आधुनिक ऋषि के रूप में विख्यात अयंगर ने विभिन्न देशों में अपने संस्थान की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित कीं. कर्नाटक के बेल्लूर में 1918 में पैदा हुए अयंगर 1937 में महाराष्ट्र में पुणे चले आए और योग का प्रसार करने के बाद 1975 में योगविद्या नाम से अपना संस्थान शुरू किया जिसकी बाद में देश विदेश में कई शाखाएं खोली गयीं. उन्होंने समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, प्रसिद्ध दार्शनिक जे कृष्णमूर्ति तथा विश्व विख्यात वायलिन वादक येहूदी मेनहुइन को भी योग सिखाया. अंतरराष्ट्रीय रूप से मशहूर बीकेएस आयंगर को 1991 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2014 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
बाद में उन्होंने योग विधाओं पर 14 किताबें भी लिखीं जिनका 17 भाषाओं में अनुवाद किया गया. उनके निधन के चलते शहर में अयंगर योग इंस्टीट्यूट की सभी शाखाएं आज बंद हैं. उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर बाद किया जाएगा.