आम आदमी पार्टी में 'ऑल इज वेल' नहीं है. पहले पार्टी संयोजक पद से अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और अब योगेंद्र यादव की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी से संभावित एग्जिट.
पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में फैसला किया गया है कि पीएसी का दोबारा गठन किया जाएगा. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जिस तरह योगेंद्र यादव को लेकर बहस हुई उसके बाद कायस लगाए जा रहे हैं कि उन्हें इस कमेटी में जगह नहीं मिलेगी. खबर है कि अरविंद केजरीवाल भी यादव के काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं.
26 जनवरी को पहले दिन अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से नदारद रहे. पार्टी के कई नेताओं ने मांग की कि योगेंद्र यादव को पीएसी से बाहर किया जाए. इसके चलते कार्यकारिणी की बैठक दूसरे दिन भी हुई. दूसरे दिन पार्टी के केवल स्थाई सदस्यों ने बंद कमरे में इस मुद्दे पर चर्चा की. हालांकि इस मीटिंग के दौरान केजरीवाल, सिसोदिया और यादव मौजूद नहीं थे. बाकी सदस्यों ने कमेटी के पुनर्गठन के लिए वोट किया.
गौरतलब है कि पिछले साल जून में खुद योगेंद्र यादव ने इस कमेटी से इस्तीफा दिया था. पार्टी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन ही केजरीवाल ने पार्टी संयोजक के पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा कि वो अपना सारा वक्त राज्य को समर्पित करना चाहते हैं.