सीएजी की रिपोर्ट आई है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार विज्ञापनों में जनता के टैक्स का पैसा खर्च कर रही है. केजरीवाल सरकार ने जब सीएजी की इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए तो स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव ने आम आदमी पार्टी सरकार को पुराने दिन याद दिला दिए हैं.
योगेंद्र यादव ने 'आजतक' से कहा, ‘जिस कैग की रिपोर्ट को लेकर सारी दुनिया में जाते थे, जिस कैग की रिपोर्ट से भ्रष्टाचार का भांडा भोड़ा जाता था, उनको शोभा नहीं देता उसी कैग पे सवाल उठाएं.’
‘खुद पर सवाल उठाने लगा तो बेईमान हो गया कैग’
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार की शाम सीएजी शशिकांत शर्मा को लिखी चिट्ठी विधानसभा पटल में रख दी थी. चिट्ठी में कहा गया है कि ऑडिट, सियासी एजेंडे से प्रभावित है. हालांकि योगेंद्र यादव केजरीवाल सरकार के तर्क से बिलकुल सहमत नही हैं. योगेंद्र यादव का कहना है कि जब तक कैग दूसरों पर उंगली उठाता था तो अच्छा था, खुद पर उठाने लगा तो बेईमान हो गया. तब क्या मैं उसे उपदेश देना शुरू करूं, खास तौर से, जो गंभीर जिम्मेदारी की कुर्सी पे बैठे हैं.’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शनिवार की सुबह ट्वीट कर सीएजी पर बीजेपी के दवाब में काम करने का आरोप लगाया.
CAG vehemently refuses to audit ad expenses of centre and other states. Why? CAG under pressure from BJP? https://t.co/9CAcVKYTZa
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 27, 2016
‘भ्रम में है दिल्ली की सरकार’
हालांकि योगेंद्र यादव का कहना है, ‘मुझे विश्वास है कि कैग बाकियों की भी ऑडिट कर रहा है. लेकिन ये उपदेश देकर की फलां सरकार की फलां ऑडिट कीजिए, इसका मतलब देश की हर संस्था पर उंगली उठाना है. मुझे लगता है कैग, हाईकोर्ट पर उंगली उठाने के बाद कुछ दिन में चुनाव आयोग का नंबर न आ जाए. ये उन लोगों को शोभा नहीं देता जो इन्हीं संस्था के सहारे पूरी दुनिया पे उंगली उठाते थे. दिल्ली सरकार ये सोच रही है कि देश में सिर्फ उन्हीं की जांच हो रही है तो शायद वो भ्रम में है. क्योंकि देश में हर सरकार के हर विभाग की जांच होती हैं.’
किसपर भरोसा करती है केजरी सरकार?
अरविन्द केजरीवाल ने सीएजी की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए तो उनके पुराने साथी ने आम आदमी पार्टी सरकार के रवैये पर. योगेंद्र यादव ने कहा, ‘कैग ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे सवाल पूछे हैं जिनका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. कैग ने कहा है कि दिल्ली के टैक्स का पैसा है उसे पूरी देश के विज्ञपान में कैसे खर्च कर सकते हैं. आप सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हो. इसका जवाब देने की बजाय आप भाषण देंगे तो हंसी आती है. मुझे वो दिन याद आते हैं जब हम बार बार प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कैग की रिपोर्ट दिखाते थे. आज वही कैग बेईमान हो गया? इन्हें किसी चीज पर भरोसा भी है या नहीं?’