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प्रशांत भूषण ने कहा, अपना अलग दल बनाकर सरकार चलाना चाहते थे केजरीवाल

आम आदमी पार्टी का अंदरूनी घमासान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को पार्टी के नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस करके पार्टी पर हमला बोला. यादव ने कहा, आम आदमी पार्टी कोई आम पार्टी नहीं है.

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अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो
अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो

आम आदमी पार्टी का अंदरूनी घमासान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को पार्टी के नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस करके पार्टी पर हमला बोला. यादव ने कहा, आम आदमी पार्टी कोई आम पार्टी नहीं है. पिछले एक महीने से कार्यकर्ताओं और समर्थकों की उम्मीदें टूटी हैं.

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यादव ने कहा, 'आम आदमी पार्टी में मर्यादा उल्लंघन की जांच आंतरिक लोकपाल से कराई जानी चाहिए. कार्यकर्ता पार्टी के प्राण हैं, उनकी बात सुनी जाए. कांग्रेस और बीजेपी की तरह कार्यकर्ताओं के साथ बर्ताव न किया जाए. हम जो पारदर्शिता का सिद्धांत सारी दुनिया पर लागू करते हैं, उसे अपने ऊपर भी लागू करें. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जितने खाली पद हैं, उन्हें सीक्रेट बैलेट के जरिए भर दिया जाए.'

योगेंद्र यादव के मुताबिक, हमने अपने नोट में कहा था कि पांचों मुद्दों में पार्टी न्यूनतम बातें स्वीकार कर लेती हैं तो हम सभी पद नहीं छोड़ेंगे. हमें इस बात का संतोष है कि हमारे बहाने चर्चा शुरू हुई और हम उम्मीद करते हैं शनिवार की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी. ये आंदोलन के मूल सवाल हैं इसलिए इन पर चर्चा जारी रहनी चाहिए. उन्होंने आम आदमी पार्टी की वेबसाइट से पार्टी का संविधान हटाए जाने पर भी सवाल उठाया.

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यादव ने सवाल उठाया कि क्या आप सपा और बसपा की तरह एक क्षेत्रीय पार्टी बनकर रह जाएगी? उन्होंने कहा कि हर सवाल को पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से जोड़ना उनका अपमान है.

इस्तीफा देने के लिए बोला गया
प्रशांत भूषण ने भी अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे. बतौर भूषण, 'हमसे बार-बार इस्तीफा मांगा गया. अरविंद ने हमें कहा कि मैं अपना अलग दल बनाकर सरकार चला लूंगा. लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी उनके खिलाफ थी. उन्होंने विरोध के बावजूद सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए उपराज्यपाल को चिट्ठी भेजी थी.' 

प्रशांत भूषण ने कहा, 'हमें यह बताया ही नहीं जाता था कि किस तरह जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की कोशि‍श की जा रही है. लेकिन जब भी हमारे सामने ये बातें आईं, हमने किसी भी तरह के जोड़-तोड़ का विरोध किया. अरविंद कहता था कि फैसला लेने का अधि‍कार लेना मेरा है और मैं कभी ऐसे संगठन में रहा ही नहीं, जहां मेरी बात न मानी जाती हो.'


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