उत्तर प्रदेश की सत्ता पर योगी आदित्यनाथ के विराजमान होने के बाद से ही मदरसों के कायाकल्प के लिए सख्ती और सुधार दोनों तरह के कदम उठाए गए हैं. पिछले एक साल में योगी सरकार ने मदरसों की शिक्षा पद्धति को आधुनिक बनाने और उन्हें नया रूप देने के लिए सख्त रवैया अख्तियार किया. वहीं मदरसों के लिए अखिलेश यादव से ज्यादा बजट देकर दरियादिली भी दिखाई.
योगी सरकार यूपी के मदरसों का कायाकल्प करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. उसने पिछले एक साल के अपने कार्यकाल में ऐसे कई फैसले लिए जिनसे इन मदरसों को देशभर के मदरसों के लिए रोल मॉडल के रूप में तैयार करने की कोशिश नजर आती है.
उत्तर प्रदेश में मदरसों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018-19 के बजट में 30.53 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. राज्य सरकार ने यह बजट मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण योजना को लेकर जारी किया है. बजट में अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ रुपये, अरबिया पाठशालाओं को 486 करोड़ और मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान के लिए 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था की.
मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज-गान अनिवार्य
योगी सरकार ने मदरसों को लेकर पिछले साल अगस्त के महीने में पहला अहम फैसला लिया था. सूबे के सभी मदरसों को 15 अगस्त पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अनिवार्य किया. इसके साथ ही राष्ट्रीय गान को भी गाने का फरमान जारी किया. इतना ही नहीं, सरकार ने 15 अगस्त के दिन सभी मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है या नहीं इसके लिए बाकायदा वीडियोग्राफी भी कराई.
मदरसों का रजिस्ट्रेशन जरूरी
सरकार ने मदरसों को लेकर दूसरा ऐसा कदम उठाया कि जिससे सभी मदरसे उसकी निगरानी में रह सके. सरकार ने अगस्त के महीने में ही सूबे के सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया. बता दें कि प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और इन मदरसों को फंड कहां से मिल रहा है, स्टेट मशीनरी को इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
सरकार के इस कदम से मदरसों के प्रबंधन का एकसूत्रीकरण किया गया. इसके अलावा जो मदरसे राज्य सरकार से आर्थिक सहायता पाते हैं और उन्हें कई दूसरे स्रोतों से पैसा मिलता. इसे उन पर लगाम लगाने की दिशा में कदम माना गया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसों की शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए उसमें तमाम नए पाठ्यक्रम जोड़े जाने का कदम उठाया था. मदरसों की शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के पाठ्यक्रम अनिवार्य होंगे. मदरसों के पाठ्यक्रम में इतिहास, भूगोल, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी आदि की शिक्षा को भी शामिल किया जाए, ताकि तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में मदरसा से पास हुए छात्र भी शामिल हो सकें. इसके अलावा मदरसों में एनसीईआरटी कोर्स लागू करने का भी फैसला किया.
मदरसों में दिवाली-दशहरा पर छुट्टी
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी किया. इस कैलेंडर में जहां 7 नई छुट्टियां जोड़ी गईं, वहीं मदरसों के अधिकार में रहने वाली 10 छुट्टियां, जिन्हें ईद-उल-जुहा और मुहर्रम पर लिया जाता था, को घटाकर 4 कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश के मदरसे अमूमन होली और अंबेडकर जयंती को छोड़कर मुस्लिम त्योहारों पर ही बंद रहते थे, छुट्टी के नए कैलेंडर के मुताबिक मदरसों में महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, रक्षाबंधन, महानवमी, दिवाली, दशहरा और क्रिसमस पर भी अब अवकाश रहेगा.