यूपी गजब है..! जिस विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ पीटीईएन मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बवाल मचा हुआ है. उसी विधानसभा में माननीयों की करतूत खुलकर सामने आई है. विधानसभा हाल की चेकिंग माननीयों की करतूत परदा उठा है. विधायकों की सीट और कुशन के बीच पान मसाले, खैनी की पुड़िया मिली है. इन्हीं सब के बीच कुशन और सीट के बीच में फंसा विस्फोटक थी.
जांच के लिए पहुंची NIA टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सदन को इसकी सूचना दिए जाने के बाद आम सहमति से मामले की जांच एनआईए को सौंपने की सिफारिश की गई है. शनिवार को एनआईए की टीम यूपी विधानसभा पहुंचीं.
इससे पहले शुक्रवार को सदन की बैठक शुरू होते ही मुख्यमंत्री ने सूचित किया कि नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी की सीट के करीब एक कागज में सफेद पाउडर लिपटा मिला. योगी ने इससे पहले सुरक्षा को लेकर एक आपात बैठक भी की थी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि विस्फोटक सफाईकर्मियों को 12 जुलाई को मिला था. उन्होंने बताया कि पाउडर को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया. यह खतरनाक प्लास्टिक विस्फोटक पीईटीएन यानी पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रा नाइट्रेट निकला. डॉग स्क्वॉयड भी विस्फोटक नहीं पहचान पाया. योगी ने कहा कि शुरूआत में हमने समझाा कि यह कोई पाउडर या रसायन है लेकिन एफएसएल फोरेसिंक साइंस लैब ने बताया कि यह पीईटीएन है जो उच्च गुणवत्ता का हेक्सोजीन और प्लास्टिक विस्फोटक है.
आतंकी साजिश का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्फोटक की मात्रा 150 ग्राम निकली लेकिन जैसा कि विशेषज्ञों ने बताया कि इस विस्फोटक की 500 ग्राम की मात्रा सदन को उड़ाने के लिए काफी है. उन्होंने कहा कि विस्फोटक बेंच के नीचे पाया गया जो नेता प्रतिपक्ष के बैठने की जगह से तीसरी बेंच है. योगी ने कहा कि सदन की सुरक्षा हमारी चिन्ता का विषय है. यह खतरनाक आतंकी साजिश का हिस्सा है और इसका पर्दाफाश होना चाहिए.
500 सदस्यों की सुरक्षा दांव पर
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से आग्रह किया कि वह विधानसभा के कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करायें क्योंकि 500 विधानसभा एवं विधानपरिषद सदस्यों की सुरक्षा दांव पर लगी है. योगी ने कहा कि यह ऐसा मसला है कि इसकी ना सिर्फ सदन की ओर से निन्दा किये जाने बल्कि मुंहतोड़ जवाब देने की भी आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम सब इस बात पर सहमत हैं कि मामले की एनआईए जांच होनी चाहिए ताकि इसके पीछे की साजिश का पर्दाफाश हो सके.
सदन से बाहर रखें मोबाइल
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों और मार्शलों के अलावा चूंकि किसी को सदन के भीतर आने की इजाजत नहीं है इसलिए मामला और भी गंभीर है. यह मुद्दा प्रदेश की 22 करोड़ जनता की भावनाओं से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच के दौरान हमें कोई आपत्ति नहीं होती है इसी तरह विधायकों को यहां भी सहयोग करना चाहिए. मेरा विधायकों से आग्रह है कि वह सदन में मोबाइल फोन ना लायें और अपने बैग सदन के बाहर रखें. इसके लिए एक व्यवस्था बननी चाहिए.
'कुछ लोग बदमाशी करने पर ऊतारू'
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर कोई आतंकवादी हमला हो जाए तो सदन में उससे निपटने के लिए कोई तंत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि त्वरित रेस्पांस टीम यानी क्यूआरटी हर गेट पर होनी चाहिए और समान सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. हमने ऐसी घटना की निंदा करने के लिए प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया है. कुछ लोग बदमाशी करने पर उतारू हैं और एनआईए को ऐसे लोगों का पर्दाफाश करना चाहिए.
यूपी विधानसभा पर रहती है पूरे देश की नजर
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा देश की सबसे बड़ी विधानसभा है. पूरे देश की निगाह इसकी कार्यवाही पर रहती है और लोग कुछ नया एवं अच्छा देखने की उम्मीद रखते हैं. उन्होंने कहा कि विधान भवन की सुरक्षा से कोई समझाौता नहीं किया जा सकता. विधानसभा और विधान परिषद को मिलाकर कुल 503 सदस्य हैं. इसके लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है. यह खतरनाक बात है कि जब सदन चल रहा हो, विधानसभा की सुरक्षा में चूक हो.