क्या दिल्ली में सिर्फ 32 रुपये रोजाना की कमाई पर कोई गुजर-बसर कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दाखिल हलफनामे में योजना आयोग ने गरीबी रेखा की जो नई परिभाषा तय की है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर या चेन्नई में अगर चार लोगों का परिवार महीने में 3860 रुपये से ज्यादा खर्च करता है तो उसे गरीब नहीं माना जाएगा.
चार लोगों पर 3860 रुपये का मतलब है एक आदमी पर 32 रुपये प्रतिदिन.
इसी तरह योजना आयोग के मुताबिक अगर ग्रामीण क्षेत्रों में कोई शख्स हर रोज 26 रुपये से ज्यादा खर्च करता है तो वो गरीब नहीं कहलाएगा. उसे गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिए चलने वाली सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
सब्जी की कीमतों में आग लगी है. दूध के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. खाने पीने की चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं. महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. लेकिन योजना आयोग की दलील है कि जो हर रोज 32 रुपए खर्च कर सकता है वो गरीब नहीं कहा जाएगा.
चलिए जानते हैं कि योजना आय़ोग ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया है उसमें गरीबी की परिभाषा क्या दी गई हैः
1. शहरों में जो 965 रुपए प्रति माह खर्च करते हैं. यानी शहरों में जो 32 रुपए प्रति दिन खर्च करते हैं वो गरीब नहीं है.
2. गांवों में जो 781 रुपए प्रति माह खर्च करते हैं. यानी गांवों में जो 26 रु प्रति दिन खर्च करते हैं वो गरीब नहीं हैं.
3. मेट्रो में रहने वाला 4 लोगों का परिवार अगर प्रति माह 3860 खर्च करता है. वो गरीब नहीं हैं.
योजना आयोग ने गरीब और गरीबी की परिभाषा बदल दी. अब इस बदली हुई परिभाषा के अनुसार शहरों में 32 और गांवों में 26 रुपए खर्च करने वाले लोग कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते.
तेंदुलकर कमेटी का हवाला देते हुए योजना आयोग ने कहा कि आप गरीब नहीं है अगर चावल या गेहूं पर हर रोज 5 रु खर्च करते हैं.
अब देखिए 5 रुपये में आपको मिलेगा क्या.
दिल्ली में चावल औसतन 22 रुपए किलो है और गेहूं औसतन 12 रु किलो. तो 5 रुपए में मिलेगा 136 ग्राम चावल (3 रु का) और 166 ग्राम गेहूं (2 रुपए).
योजना आयोग कहता है आप गरीब नहीं हैं. अगर हर रोज 1.80 रु सब्जियों पर खर्च करते हैं.
अब देखिए 1.80 रुपए में मिलेगा क्या
180 ग्राम आलू या 90 ग्राम प्याज या 90 ग्राम टमाटर या 180 ग्रा लौकी.
योजना आयोग कहता है कि आप गरीब नहीं हैं. अगर हर रोज दाल पर 1 रुपये खर्च कर सकते हैं.
अब जरा देखिए 1 रुपये में कितनी दाल मिलेगी.
दिल्ली में दाल की औसत दर 50 रु प्रति किलो है. यानी 1 रुपये में सिर्फ 20 ग्राम दाल मिलेगी.
योजना आयोग कहता हैं. आप गरीब नहीं हैं अगर दूध पर हर रोज 2.30 रुपये खर्च करते हैं.
अब देखिए 2.30 रु में कितना दूध मिलेगा.
दूध की कीमत है 27 रुपये प्रति लीटर. लिहाजा 2.30 रुपये में सिर्फ 85 मिली दूध मिल सकता है.
योजना आयोग कहता है. आप गरीब नहीं है अगर एलपीजी पर हर महीने 112 रुपए खर्च करते हैं.
अब ब्लैक मार्केट में एलपीजी दरों के मुताबिक 112 रुपए में करीब दो किलो एलपीजी ही मिल सकती है.
योजना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को आंकड़े तो बता दिया. लेकिन जरा सोचिए क्या इस बढ़ती महंगाई में 32 रुपये प्रतिदिन में कोई अपना गुजारा कर सकता है. जरा सोचिए क्या महज 3860 रुपये में चार लोगों का परिवार अपनी जिंदगी काट सकता है. आप ये सवाल योजना आयोग को छोड़कर किसी से भी पूछिए जवाब मिलेगा आंकड़ों से जिंदगी नहीं चलती.