राहुल गांधी ने बतौर उपाध्यक्ष के तौर पर पहली बार लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की और कई बार भावुक भी हुए. कहा कि बीती रात मां सोनिया उनके पास आकर रोईं और कहा कि सत्ता किसी जहर से कम नहीं. उन्होंने अपने परिवार के बलिदान की बात की, आर्थिक सुधारों के बारे में उपाय सुझाए और कांग्रेस को और ज्यादा कारगर बनाने की चर्चा की.
अपने भाषण में राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया और कहा अब जनता के पास 100 में से 99 पैसा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि आज कल भ्रष्ट ही भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते हैं. राहुल गांधी ने आम लोगों से अपील की कि वे राजनीति से जुड़ें. उन्होंने कहा कि मैं आशावादी हूं और देश में नेतृत्व की कमी दूर करने के लिए 40-50 नेता तैयार करने की जरुरत है.
रविवार को जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूरी व्यवस्था बदलने की जरुरत जोर दिया और कहा कि सबको साथ लेकर बदलाव किए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी में मैं वकील का काम नहीं, बल्कि जज का काम करुंगा.
अपने भाषण में सबसे पहले राहुल गांधी ने कहा कि उपाध्यक्ष बनना उनके लिए सम्मान की बात है. उपाध्यक्ष बनाए जाने पर उन्होंने सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को धन्यवाद दिया और कहा मनमोहन सिंह जी ने सराहनीय काम किया है. मनरेगा से लाखों लोगों को काम मिला है. राहुल ने कहा पिछले आठ साल में मैंने बहुत कुछ सीखा है. सहयोग करने के लिए उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की कद्र होनी चाहिए और चुनाव के वक्त बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई नियम कानून नहीं चलता है. मगर कांग्रेस जैसी गहराई किसी पार्टी में नहीं. देश में मोबाइल इसी पार्टी की देन है. इस मौके पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने हर भारतीय के साथ, बिना भेदभाव के काम किया है. कांग्रेस हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चली है और कांग्रेस ने किसी भी जाति-धर्म के साथ पक्षपात नहीं किया है. आम लोगों की आवाज ही हमारी आवाज है.
राहुल गांधी को शनिवार को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया गया और औपचारिक तौर पर पार्टी में नंबर दो की कुर्सी दे दी गई. उनके भाषण के दौरान तमाम युवा नेता राहुल के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आए.