जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें सेना की जीप के बोनट पर एक युवक को बांधकर ले जाया जा रहा है.
इस वीडियो के बारे में सेना की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है लेकिन सेना से जुड़े सूत्रों ने आज तक संवाददाता को बताया है कि 9 अप्रैल को बडगाम में करीब 500 लोगों की भीड़ ने पोलिंग स्टेशन पर हमला कर दिया था. इस दौरान जवानों के पास न तो लाठी थी और ना ही पैलेट गन. सेना, लोगों पर फायरिंग नहीं करना चाहती थे. इससे बचने के लिए यह तरीका अपनाया गया. यह तरीका विवादित हो सकता है लेकिन उस वक्त प्रभावी था. इसी तरीके से जवानों ने मतदान कर्मियों और ईवीएम दोनों को भीड़ से सुरक्षित बचा लिया था.
Here's the video as well. A warning can be heard saying stone pelters will meet this fate. This requires an urgent inquiry & follow up NOW!! pic.twitter.com/qj1rnCVazn
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 14, 2017
उमर ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें सेना की जीप के आगे बोनट पर एक कश्मीरी युवक बंधा हुआ है. 15 सेकेंड के इस वीडियो में दिखाई गई जीप पायलट गाड़ी है और उसके पीछे सेना का ट्रक तथा एक बस जाती दिखाई दे रही है. उमर का दावा है कि इस युवक को जीप के पीछे बांधने का मकसद काफिले को पत्थरबाजों से बचाना है.
उमर ने कहा है कि इस मामले में तुरंत जांच और कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. उन्होंने पहले वाले वीडियो पर हो रहे बवाल का हवाला देते हुए लिखा है कि इस वीडियो को देखकर उतना आक्रोश क्यों नहीं भड़कता. उधर इस वीडियो को लेकर सेना के सूत्रों का कहना है कि इस घटना की जगह और तथ्यों की जांच हो रही है.