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युवा खिलाड़ियों को मेंटर की जरूरत: श्रीसंत

तेज गेंदबाज एस श्रीसंत का मानना है कि युवा क्रिकेटरों को कैरियर की शुरुआत में ही जिस तरह से लोकप्रियता और ढेर सारा धन मिल रहा है उसमें उन्हें गुमराह होने से बचाने के लिये मेंटर की सख्त जरूरत है.

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तेज गेंदबाज एस श्रीसंत का मानना है कि युवा क्रिकेटरों को कैरियर की शुरुआत में ही जिस तरह से लोकप्रियता और ढेर सारा धन मिल रहा है उसमें उन्हें गुमराह होने से बचाने के लिये मेंटर की सख्त जरूरत है.

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श्रीसंत ने कहा, ‘खेल में आज जिस तरह से बहुत अधिक पैसा और मनोरंजन शामिल है वैसे में आपके पास यदि मेंटर है या कोई ऐसा व्यक्ति जो कि आप को सही राह दिखा सके तो फिर आप सही राह पर आगे बढ़ोगे. यह कोच या परिवार का कोई व्यक्ति भी हो सकता है जो वास्तव में खिलाड़ी पर निगाह रखे और खिलाड़ी को भी उसकी बात सुननी होगी. यदि आप प्रतिभाशाली और कड़ी मेहनत करने वाले हो तो फिर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है’.

भारतीय क्रिकेटरों के लिये अनुशासन सबसे अहम मसला रहा है. वेस्टइंडीज में हाल में खेले गये ट्वेंटी-20 विश्व कप के दौरान सेंट लूसिया के पब में झगड़े के कारण सात भारतीय खिलाड़ियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया. अपने गर्म मिजाज के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले इस 27 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा कि युवा खिलाड़ी के लिये यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी सीमाएं समझे. {mospagebreak}

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उन्होंने कहा, ‘अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है लेकिन प्रत्येक की अपनी निजी जिंदगी भी होती है. यह महत्वपूर्ण है कि वह बेवकूफी और बुद्विमता के बीच की रेखा को समझे’. भारतीय तेज गेंदबाजों में अपनी तेजी कम करने के बढ़ते चलन के बारे में श्रीसंत ने कहा कि शायद उन्हें चोटिल होने का डर रहता है और शायद इसलिए ऐसा हो रहा है ताकि वह अपना कैरियर लंबा खींच सकें.

श्रीसंत ने कहा, ‘हो सकता हो कि गेंदबाज लंबे समय तक खेलना चाहते हैं. वे 10 से 15 साल तक खेलना चाहते हों. इसका कारण चोट का डर भी हो सकता है. हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना हमेशा बेहतर होता है. अगले मैच के लिये अपनी ताकत बचाकर रखना भी कारण हो सकता है’.

उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन से ही खिलाड़ी टीम में अपना स्थान बनाये रख सकता है और इससे संबंधित दबाव कभी बहाना नहीं हो सकता. श्रीसंत ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो आपको शिकायत के बजाय अच्छा प्रदर्शन करना होता है. विशेषकर जब आप भारतीय परिस्थितियों में खेलते हो तो दबाव होता है. वास्तव में आते ही अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है. यह तेज गेंदबाज के लिये चुनौती होती है विशेषकर एकदिवसीय मैचों के पावरप्ले में लेकिन आपको तनाव के इन क्षणों से पार पाना होगा’.

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