30 साल से कम उम्र के अविवाहित मुसलमान नौजवानों को अब इराक जाने के लिए वीजा नहीं मिलेगा. वीजा का काम करवाने वाली इराक की एक सरकारी ट्रैवल एजेंसी अलशाया नसीर ट्रैवल्स ने ऑपरेटरों को 30 साल या इससे कम उम्र के नौजवानों के पासपोर्ट लेने से मना किया है. यह निर्देश कल्याण के चार लड़कों के तीर्थयात्रा के नाम पर इराक जाकर आईएसआईएस से जुड़ने के बाद जारी किया गया है.
हालांकि विदेश मंत्रालय ने ऐसे किसी भी निर्देश से इनकार किया है. गौरतलब है कि 23 मई को 26 तीर्थ यात्रियों के समूह से चार युवक अरीफ मजीद, फहाद शेख, अमन टनडेल और शहीम टंकी एक तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए बगदाद गए. कुछ दिन बाद ये चार युवक गायब हो गए और आईएसआईएस से जुड़ गए. इनमें से एक अरीफ मजीद वापस आ गया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी उससे पूछताछ कर रही है.
अलशाया नसीर ट्रैवल्स के एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसी शर्त पहले भी रखी गई थी. तीर्थ यात्रा के बहाने जिहाद से जुड़े कल्याण के चार लड़कों को रोका जा सकता था. यात्रा पर आए यात्रियों के अचानक गायब होने से ऑपरेटरों को भी दिक्कत होती है. इस तरह के निर्देश से ऐसे लड़कों को जिहादियों से जुड़ने से रोका जा सकता है.'
इन चार लड़कों ने डोंगरी के टूर ऑपरेटर अजमेरी टूर्स से 26 तीर्थयात्रियों में अपना नाम शामिल करवाया था. इस खबर के बाद एजेंसी ने किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया है. एक्यू इंटनेशनल टूर्स एंड ट्रैवल्स के मोहम्मद उमर ने कहा, 30 से कम के नौजवानों को वीजा ने देने के निर्देश से व्यापार प्रभावित हुआ है, लेकिन ऐसे बदले हालात में यह जरूरी भी है.
उमर ने कहा कि कल्याण के युवकों के गायब होने की घटना के बाद से टूर और ट्रैवल यात्रियों के लिए काउंसलिंग सत्र रख रहे हैं और उन्हें यात्रा के दौरान सावधानियों के बारे में बता रहे हैं. यात्रियों को बताया जा रहा है कि यात्रा के दौरान हमेशा यात्री अपने ग्रुप के साथ रहे और कहीं भी अकेले घूमने न निकलें. खबर है कि कल्याण के गायब हुए चार युवक ने अपने ऑपरेटर को बताकर शॉपिंग के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं आए.
आपको बता दें कि हर साल 25 से 30 हजार भारतीय तीर्थयात्री इराक जाते हैं. इनमें से अधिकांश करबला और नजफ जाते हैं और कई यात्री बगदाद और अन्य जगहों में भी जाते हैं. 30 से कम उम्र के नौजवानों को वीजा न देने के निर्देश का अधिकांश टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों ने स्वागत किया है.